कांग्रेस नेता और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने की मांग फिर उठी है. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि हम सभी की ये इच्छा है कि राहुल गांधी(2024 में) नेतृत्व करें और प्रधानमंत्री बने… ये जो अधिवेशन(कांग्रेस का 85वां पूर्ण सत्र) है वो निश्चित रूप से 2023 के विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी के संदर्भ में है. आपको बता दें कि इससे पहले कांग्रेस के कई दिग्गज नेता ये मांग कर चुके हैं.
आपको बता दें कि कांग्रेस का 85वां पूर्ण सत्र छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में चल रहा है जिसमें शिरकत करने बड़े नेता पहुंचे हैं. यहां लोकसभा चुनाव को लेकर राणनीति बनायी जा रही है. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने रविवार को कांग्रेस महाधिवेशन में कहा कि लोकसभा चुनाव के मद्देनजर लोगों को भारतीय जनता पार्टी की विरोधी सभी पार्टियों से एकजुट होकर लड़ने की उम्मीद है, लेकिन सबसे ज्यादा उम्मीद कांग्रेस से है.
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कांग्रेस ने कहा कि वह सक्षम नेतृत्व प्रदान करने का दमखम रखती है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी को मात देने के लिए धर्मनिरपेक्ष दलों को एकजुट करने और अपने लक्ष्य को हासिल करने के वास्ते त्याग करने को भी तैयार है. साथ ही, कांग्रेस ने दो टूक कहा कि तीसरे मोर्चे की कवायद से भाजपा और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को ही फायदा होगा. पार्टी ने विपक्षी दलों को यह संदेश ऐसे वक्त में देने की कोशिश की है, जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कांग्रेस से गठबंधन को लेकर जल्द निर्णय करने की अपील कर चुके हैं तथा भारत राष्ट्र समिति समेत कुछ क्षेत्रीय दलों द्वारा कांग्रेस को छोड़कर अन्य दलों को लेकर तीसरा मोर्चा बनाने की कवायद की खबरें आ रही हैं.
हम सभी की ये इच्छा है कि राहुल गांधी(2024 में) नेतृत्व करें और प्रधानमंत्री बने… ये जो अधिवेशन(कांग्रेस का 85वां पूर्ण सत्र) है वो निश्चित रूप से 2023 के विधानसभा चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव की तैयारी के संदर्भ में है: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, रायपुर pic.twitter.com/eWo5LM3A3V
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 26, 2023
कांग्रेस के 85वें महाधिवेशन के दूसरे दिन पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने संबोधन में कहा कि उनकी पार्टी अगले लोकसभा चुनाव में ‘‘जनविरोधी’’ भाजपा सरकार को पराजित करने के लिए एक ठोस विकल्प देने के मकसद से समान विचारधारा वाले दलों के साथ तालमेल करना चाहती है और इस लक्ष्य को हासिल करने के वास्ते कोई भी त्याग करने को तैयार है. उन्होंने कहा कि मौजूदा कठिन परिस्थितियों में कांग्रेस ही एकमात्र ऐसी पार्टी है, जो सक्षम और निर्णायक नेतृत्व प्रदान कर सकती है. 2004 से 2014 तक कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन ने देश के लोगों की प्रभावी ढंग से सेवा की. खरगे ने कहा कि हम एक बार फिर जनविरोधी और अलोकतांत्रिक भाजपा सरकार को हराने के लिए समान विचारधारा वाले दलों के साथ गठबंधन करके एक व्यवहार्य विकल्प देने के लिए तत्पर हैं.
भाषा इनपुट के साथ