राहुल गांधी को कब-कब आया गुस्सा? अध्यादेश फाड़ने से लेकर ‘लेटर बम’ तक, जानें वो कहानी जब पारा हुआ हाई
Rahul gandhi, rahul gandhi news, congress news: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गांधी बीते कुछ घंटों से अपने गुस्से को लेकर चर्चा में है. राहुल गांधी द्वारा गुस्से में दिया गया बयान कांग्रेस पार्टी में अंदरूनी घमासान को जगजाहिर कर दिया. वजह है सोमवार को हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में उठा 'लेटर बम' कांड.
Rahul gandhi, rahul gandhi news, congress news: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गांधी बीते कुछ घंटों से अपने गुस्से को लेकर चर्चा में है. राहुल गांधी द्वारा गुस्से में दिया गया बयान कांग्रेस पार्टी में अंदरूनी घमासान को जगजाहिर कर दिया. वजह है सोमवार को हुई कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में उठा ‘लेटर बम’ कांड.
दरअसल, पार्टी के 23 वरिष्ठ नेताओं द्वारा कांग्रेस आलाकमान को पत्र लिख कर ऊपर से लेकर नीचे तक बदलाव करने की मांग की गई थी. इस पत्र को लेकर राहुल गांधी बैठक में बरस पड़े. उन्होंने आरोप लगाया कि जिन्होंने इस वक्त चिट्ठी लिखी है वो भाजपा से मिले हुए हैं. इस पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता खफा हैं और पलटवार कर रहे हैं.
मंगलवार को सिब्बल ने ऐसा ट्वीट किया है जिससे कि अटकलें लगनी शुरू हो गई है. डैमेज कंट्रोल की कवायद भी जारी है. राहुल गांधी आमतौर पर शांत स्वभाव के शख्स माने जाते हैं. हां इतना जरूर है कि मोदी सरकार हमेशा हमलावर रहते हैं. चुनावी जनसभाओं में भी राहुल के तेवर थोड़े उग्र दिखते हैं. आज हम आपको राहुल गांधी के उन गुस्सों के बारे में जिस पर पूरे देश में चर्चा हुई.
ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम आते ही राहुल गांधी फायर
ये अभी कुछ दिन पहले की ही बात है. 12 मार्च, 2020 को मीडिया को संबोधित कर रहे थे. अर्थव्यवस्था, कोरोना वायरस, राजनीति और समाज…इन सब के बहाने निशाने पर नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला बोल रहे थे. आखिर में एक पत्रकार ने सवाल किया ज्योतिरादित्य सिंधिया पर जो भाजपा में शामिल हो गए थे. सवाल पूछे जाने के बाद राहुल के चेहरे का बाव बदल गया. उन्होंने कहा- ज्योतिरादित्य सिंधिया को अपने राजनीतिक भविष्य का डर लगने लगा इसलिए वो संघ की विचारधारा से मिल गए. उनको मैं कॉलेज के जमाने से जानता हूं. लेकिन वहां उनको वो जगह नहीं मिलेगी.
बोलेंगे तो भूकंप आ जाएगा….
9 दिसंबर, 2019 को राहुल गांधी ने एक ऐसा बयान दिया था, जिसपर कई दिनों तक राजनीति गरम रही. 2017 में नोटबंदी पर संसद में हंगामे के बाद राहुल गांधी सदन के बार मीडिया को संबोधित कर रहे थे. एक पत्रकार के सवाल पर उन्हें इतना गुस्सा आया कि उन्होंने कहा- सरकार बहस से भाग रही है, अगर मुझे बोलने देंगे तो आप देखेंगे भूकंप आ जाएगा. उनके इस बयान पर पीएम मोदी ने भी चुटकी ली थी.
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लोकसभा चुनाव 2019 के बाद अध्यक्ष पद से इस्तीफा
लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस को मात्र 54 सीटें मिली. अध्यक्ष होने के नाते राहुल गांधी ने इसकी जिम्मेदारी ली. तब खबर आयी थी कि वो इस बात से बेहद खफा थे कि संगठन के अन्य नेताओं ने चुनावी परिणाम की जिम्मेदारी नहीं. उन्हें लाख मनाने की कोशिश की गई मगर वो नहीं माने और सीडब्ल्यूसी की बैठक में इस्तीफा दे दिया. उसी वक्त से कांग्रेस के अंदर पुरानी पीढ़ी और नई पीढ़ी का विवाद गहराया.
सरकार के अध्यादेश को फाड़ा
यह घटना 27 सितंबर, 2013 की है, जब राहुल गांधी ने अपनी सरकार के अध्यादेश को मीडिया के सामने बकवास बताते हुए फाड़ डाला था. दरअसल तत्काली मनमोहन सिंह सरकार ने दागियों के चुनाव लड़ने के संबंध में अध्यादेश जारी किया था, लेकिन राहुल गांधी को वो पसंद नहीं था.
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गुस्से में बोले- मैं पप्पू हूं
20 जुलाई, 2018 को लोकसभा में राहुल गांधी बोल रहे थे. भाजपा नेता हूटिंग कर रहे थे. राहुल गांधी अपने भाषण में एनडीए सरकार पर हमला बोल रहे थे. शोर से वो चिढ़े और बोले- आपके लिए मैं पप्पू हूं. आप मुझे अलग-अलग गाली दे सकते हो, लेकिन आपके प्रति मेरे अंदर थोड़ा सा भी गुस्सा नहीं है.
समाजवादी पार्टी के चुनावी वादों की सूची फाड़ी
साल 2012 फरवरी का महीना. चुनाव प्रचार अभियान के तहत राहुल गांधी लखनऊ पहुंचे. जनसभा के दौरान राहुल ने सपा पर झूठे वादे करने का आरोप लगाते हुए बेहद आक्रामक अंदाज में थे. पा मुखिया पर तीखा हमला करते हुए तब के कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी ने कहा, मुलायम सिंह जी के पास तो वादों की सूची रहती है. वह कहते हैं कि भैया हम बिजली देंगे. रोजगार देंगे. रोजगार नहीं दे पाए तो बेरोजगारी भत्ता देंगे. वही सूची बार-बार निकलती है. सूची ..वादों की सूची. ये लो… यह कहते हुए हाथ में लिए सपा के वादों की सूची राहुल ने फाड़ डाली.
Posted By: Utpal kant