राहुल गांधी ने बताया कौन है हिन्दू? पढ़ें सोशल मीडिया पर कांग्रेस नेता ने क्या लिखा
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक लेख साझा किया है जिसपर लोगों की लगातार प्रतिक्रिया आ रही है. इस लेख में कांग्रेस नेता कहते हैं- एक हिंदू अपने अस्तित्व में समस्त चराचर को करुणा और गरिमा के साथ उदारतापूर्वक आत्मसात करता है. पढ़ें पूरा लेख
कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी ने ऐसी बात कही है जो चर्चा का केंद्र बन गई है. दरअसल, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक लेख शेयर कर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने अपने विचार रखे हैं. इस लेख का शीर्षक है ‘सत्यम् शिवम् सुंदरम्’…इस लेख में राहुल गांधी लिखते हैं कि हर प्रकार के पूर्वाग्रह व भय से मुक्ति पा सत्य के समुंदर में समा जाना ही असली हिंदू धर्म है. यही नहीं सत्य और अहिंसा ही एकमात्र रास्ता है. उनकी इस पोस्ट पर लोगों की लगातार प्रतिक्रिया आ रही है.
सत्यम् शिवम् सुंदरम्
एक हिंदू अपने अस्तित्व में समस्त चराचर को करुणा और गरिमा के साथ उदारतापूर्वक आत्मसात करता है, क्योंकि वह जानता है कि जीवनरूपी इस महासागर में हम सब डूब-उतर रहे हैं।
निर्बल की रक्षा का कर्तव्य ही उसका धर्म है। pic.twitter.com/al653Y5CVN
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 1, 2023
कांग्रेस नेता राहुल गांधी लिखते हैं कि सत्यम् शिवम् सुंदरम्…एक हिंदू अपने अस्तित्व में समस्त चराचर को करुणा और गरिमा के साथ उदारतापूर्वक आत्मसात करता है, ऐसा इसलिए क्योंकि वह जानता है कि जीवनरूपी इस महासागर में हम सब डूब-उतर रहे हैं. निर्बल की रक्षा का कर्तव्य ही उसका धर्म है.
Also Read: PHOTO : राहुल गांधी का बढ़ई वाला अंदाज, फर्नीचर की दुकान में आरी-हथौड़ा चलाया, देखें तस्वीर
इस महासागर से आज तक न तो कई बच पाया है और नही बच पाएगा
सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’ पर राहुल गांधी ने आर्टिकल का पेज शेयर किया है. इसमें वे लिखते हैं कि कल्पना कीजिए, जिंदगी प्रेम और उल्लास का भूख और भय का एक महासागर है और हम सब उसमें तैर रहे हैं. इसकी खूबसूरत और भयावह शक्तिशाली सतत परिवर्तनशील लहरों के बीचोंबीच हम जीने का प्रयत्न करते हैं. इस महासागर में जहां प्रेम, उल्लास और अथाह आनंद है, वही भय है. मृत्यु का भय, भूख का भय, दुखों का भय…. इस महासागर में सामूहिक और निरंतर यात्रा का नाम जीवन है जिसकी भयावह गहराइयों में हम सब तैरते हैं. भयावह इसलिए, क्योंकि इस महासागर से आज तक न तो कई बच पाया है और नही बच पाएगा.’
वहीं हिंदू है…
उनके इस लेख में हिंदू शब्द का जिक्र है जो बार-बार किया गया है. राहुल गांधी आगे लिखते हैं कि जिस व्यक्ति में अपने भय की तह में जाकर इस महासागर को सत्यनिष्ठा से देखते हैं साहस है- वहीं हिंदू है…यह कहना कि हिंदू धर्म केवल कुछ सांस्कृतिक मान्यताओं तक सीमित है उसका अल्प पाठ होगा. किसी राष्ट्र या भू-भाग विशेष से बांधना भी उसकी अवमानना है. भय के साथ अपने आत्म के संबंध को समझने के लिए मनुष्य द्वारा खोजी गई एक पद्धति है हिंदू धर्म…यह सत्य को अंगीकार करने का एक मार्ग है. यह मार्ग किसी एक का नहीं है. मगर यह हर उस व्यक्ति के लिए सुलभ है जो उसपर चलना चाहता है.
हिंदू सभी प्राणियों से करता है प्रेम
अपने लेख के अंत में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने लिखा है कि हिंदू सभी प्राणियों से प्रेम करता है. वह जानता है कि इस महासागर में तैरने के सबके अपने-अपने रास्ते और तरीके हैं. सबको अपनी राह पर चलने का अधिकार है. वह सभी रास्तों से प्रेम करता है, सबका आदर करता है और उनकी उपस्थिति को बिल्कुल अपना मानकर स्वीकार करता है.
एक हिंदू में अपने भय को गहनता में देखने का होता है साहस
अपने लेख में एक जगह राहुल गांधी ने लिखा कि एक हिंदू अपने अस्तित्व में समस्त चराचर को करुणा और गरिमा के साथ उदारतापूर्वक आत्मसात करता है, क्योंकि वह जानता है कि जीवनरुपी इस महासागर में हम सब डूब- उतर रहे हैं… एक हिंदू में अपने भय को गहनता में देखने और उसे स्वीकार करने का साहस होता है. जीवन की यात्रा में वह भयरूपी शत्रु को मित्र में बदलना सीखता है. भय उस पर कभी हावी नहीं हो पाता, वरन घनिष्ठ सखा बनकर उसे आगे की राह दिखाता है. एक हिंदू का आत्म इतना कमज़ोर नहीं होता कि वह अपने भय के वश में आकर किसी किस्म के क्रोध, घृणा या प्रतिहिंसा का माध्यम बन जाये.