भारत और चीन के बीच जारी तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अचानक लेह पहुंचे जिसके बाद पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने लद्दाख में चीनी घुसपैठ को लेकर सरकार से एक्शन लेने की मांग की है. राहुल गांधी ने कहा है कि देशभक्त लद्दाखी चीनी घुसपैठ के खिलाफ अवाज उठा रहे हैं. उनकी आवाज को सुना जाना चाहिए. सरकार उनकी बात सुने. यह बात कांग्रेस नेता ने ट्वीट करके कही है.
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एलएसी पर तनातनी के बीच शुक्रवार की सुबह अचानक लेह पहुंचे. गलवान झड़प के 18 दिन के बाद 11 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित नीमू में अग्रिम मोर्चे पर पहुंच कर उन्होंने जहां एक तरफ जवानों का हौसला बढ़ाया. वहीं, चीन को स्पष्ट संदेश भी दिया.
उन्होंने चीन का बिना नाम लिए दो टूक कहा कि भारत न झुका है, न कभी झुकेगा.विस्तारवाद का युग समाप्त हो चुका है. यह युग विकासवाद का है. बीती शताब्दियों में विस्तारवाद के मिजाज ने ही मानवता के विनाश का प्रयास किया. यह न भूलें, इतिहास गवाह है, ऐसी ताकतें मिट गयी हैं या मुड़ने को मजबूर हो गयी हैं.
पिछले दिनों पूर्वी लद्दाख में चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प का संकेत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के वीर सपूतों ने गलवान घाटी में जो अदम्य साहस दिखाया है, वह पराक्रम की पराकाष्ठा है. देश को अपने जवानों पर नाज है. जवानों के साहस को सलाम करते हुए कहा कि लद्दाख का पूरा हिस्सा भारत का मस्तक है. 130 करोड़ भारतीयों के मान सम्मान का प्रतीक है. यह भूमि भारत के लिए सर्वस्व त्याग करने के लिए हमेशा तैयार रहनेवाले राष्ट्रभक्तों की धरती है.
पाक को भी चेताया : पीएम मोदी जिस नीमू पोस्ट पर गये, उसके पूर्व में एलएसी है और पश्चिम में एलओसी. यह जगह शायद इसलिए चुनी गयी, ताकि चीन और पाकिस्तान, दोनों को साफ संदेश जा सके कि भारत का राजनीतिक नेतृत्व सामने से मुकाबला करता है. यह भी कि भारत किसी तरह की धमकी या आक्रामक रुख से घबराने वाला नहीं है.
दुनिया को बताया : पीएम मोदी ने इस दौरे से दुनिया यह संदेश दिया है कि लद्दाख का पूरा इलाका भारत का. यहां सिर्फ सेना ही नहीं, बल्कि भारत का प्रधानमंत्री भी मौजूद है. भारत अपनी संप्रभुता और अखंडता से समझौते को तैयार नहीं है और चीन के आगे शीर्ष भारतीय नेतृत्व अटल है.
Posted By : Amitabh Kumar