कांग्रेस के नेता राहुल गांधी लोकसभा सदस्यता बहाल होने के बाद शनिवार को पहली बार केरल में अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड पहुंचे, जहां पार्टी के नेतृत्व वाले संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) के कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया.
राहुल गांधी का वायनाड में भव्य स्वागत
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का उनके संसदीय क्षेत्र में जोरदार स्वागत किया गया. स्वागत स्थल पर एकत्र हुए सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने शाम साढ़े पांच बजे गांधी के पहुंचते ही उनके समर्थन में नारे लगाए. केरल में कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्षी गठबंधन यूडीएफ के नेताओं ने उनका स्वागत किया.
तमिलनाडु में किया आदिवासी डांस
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को तमिलनाडु के नीलगिरि जिले में टोडा समुदाय के सदस्यों के साथ कुछ समय बिताया. राहुल गांधी ने उनके साथ नृत्य किया और समुदाय के देवता के मंदिर में दर्शन किए.
#WATCH | Congress MP Rahul Gandhi with members of the Toda tribal community in Muthunadu village near Ooty in Tamil Nadu pic.twitter.com/g7iBVcKhTJ
— ANI (@ANI) August 12, 2023
वायनाड जाने के क्रम में राहुल मुथुनाडुमांडू में रुके
‘मोदी उपनाम’ वाली टिप्पणी से संबंधित मानहानि के मामले में दोषसिद्धि पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा रोक लगाए जाने के बाद वायनाड के सांसद राहुल केरल में अपने निर्वाचन क्षेत्र की ओर जा रहे थे और इसी दौरान वह आदिवासी समुदाय के सदस्यों के साथ बातचीत करने के लिए यहां मुथुनाडुमांडू में रुके.
राहुल गांधी को प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहती हैं मुथुनाडुमांडू की महिलाएं
टोडा समुदाय की महिलाओं ने कामना की कि राहुल गांधी प्रधानमंत्री के रूप में इस स्थान पर लौटें. देश में अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं. कोयंबटूर से सड़क मार्ग के जरिये यहां पहुंचने पर उन्हें एक पारंपरिक शॉल भेंट की गई। राहुल गांधी ने टोडा आदिवासियों के साथ नृत्य किया और उनके पारंपरिक भोजन का स्वाद भी चखा. कांग्रेस नेता ने समुदाय के देवता के मंदिर का दौरा किया और वहां की पारंपरिक प्रथाओं के साक्षी बने. बाद में राहुल गांधी ने पारंपरिक खेल ‘इलावट्टक्कल’ देखा, जिसमें युवा महिलाएं एक गोल पत्थर उठाने के लिए अपनी पूरी ताकत लगा देती हैं.
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राहुल गांधी को किस मामले में मिली सुप्रीम कोर्ट से राहत
राहुल गांधी ने अप्रैल 2019 में कर्नाटक की एक रैली में मोदी सरनेम पर टिप्पणी करते हुए चोरों से जोड़ दिया था. उसके बाद बीजेपी विधायक पूर्णेश मोदी ने इसकी शिकायत की. शिकायत के चार साल के बाद मार्च 2023 में सूरत की कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा सुनाई. सजा सुनाये जाने के 26 घंटे बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता समाप्त कर दी गयी. इस फैसले को राहुल गांधी ने निजली अदालत में चुनौती दी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया. फिर राहुल ने फैसले का गुजरात हाई कोर्ट में चुनौती दी. वहां से भी राहुल गांधी को निराशा हाथ लगी. आखिरकार राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी ने फैसले को सुप्रीम कोर्ट में सुनौती दी. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए निजली अदालत के फैसले और हाई कोर्ट के सजा बहाली वाले फैसले पर सख्त टिप्पणी की और सजा पर रोक लगा दिया.
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सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने के बाद राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल
मानहानि के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा राहुल की दोषसिद्धि पर रोक लगाने के बाद लोकसभा सचिवालय ने एक अधिसूचना जारी करके वायनाड से राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल कर दी थी. जिसके बाद राहुल गांधी ने लोकसभा में मोदी सरकार के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर बहस में हिस्सा लिया था और केंद्र सरकार और बीजेपी, आरएसएस पर हमला किया था.