संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से, कोरोना महामारी के मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी में राहुल गांधी

राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि उन्हें देश में कोविड-19 के कारण जान गंवाने वालों का सही आंकड़ा बताना चाहिए, साथ ही हर उस परिवार को चार लाख रुपये मुआवजा देना चाहिए जिन्होंने कोविड महामारी के दौरान जान गंवाये हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 25, 2021 6:50 AM

संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू हो रहा है. विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी सरकार को सदन में घेरने के लिए कोविड महामारी के दौरान जो अनियमितता हुई उसे सदन में जोरदार ढंग से उठायेगी.

कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी 28 नवंबर को संसद के शीतकालीन सत्र को लेकर एक प्रेस काॅन्फ्रेंस भी करने वाले हैं. एनएनआई न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से यह जानकारी दी है. कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र को पत्र लिखकर कोविड पीड़ितों को मुआवजा देने की मांग की है.

न्यूज एजेंसी पीटीआई ने यह जानकारी दी है कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि उन्हें देश में कोविड-19 के कारण जान गंवाने वालों का सही आंकड़ा बताना चाहिए, साथ ही हर उस परिवार को चार लाख रुपये मुआवजा देना चाहिए जिन्होंने कोविड महामारी के दौरान कुप्रबंधन की वजह से जान गंवाये हैं.

कोविड महामारी के मुआवजे के लिए दबाव बनायेंगे राहुल गांधी

राहुल गांधी ने आज चार लाख रुपये का मुआवजा दिलाने के लिए सरकार पर दबाव बनाने का ऐलान कर दिया. राहुल गांधी ने एक वीडियो भी ट्‌वीट किया जिसमें कई कोविड पीड़ित परिवार गुजरात की स्थिति बयां करते नजर आ रहे हैं.

राहुल गांधी ने वीडियो के जरिये जिस प्रकार गुजरात माॅडल की धज्जियां उड़ाई हैं उससे साफ जाहिर है कि संसद के शीतकालीन सत्र में कांग्रेस पार्टी कोरोना के दौरान अर्थव्यवस्था को जोरदार ढंग से उठायेगी.

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राहुल गांधी का आरोप है कि गुजरात में कोरोना वायरस के संक्रमण से तीन लाख लोगों की जान गयी है जबकि सरकार सिर्फ 10 हजार लोगों को मुआवजा दे रही है जो पीड़ित परिवारों के प्रति अन्याय है.

संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू होगा

गौरतलब है कि संसद का शीतकालीन सत्र 29 नवंबर से शुरू होकर 23 दिसंबर तक चलेगा. इस दौरान कई महत्वपूर्ण विधेयक सरकार सदन में लाने वाली है. क्रिप्टोकरेंसी और कृषि कानून को रद्द करने वाला विधेयक सर्वप्रमुख है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेकर एक तरह से विपक्ष को मुद्दाविहीन कर दिया है, क्योंकि संसद के शीतकालीन सत्र में वे इसे प्रमुखता से उठाने वाले थे.

पीएम मोदी ने किसानों से माफी मांगते हुए तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा कर दी है और आज कैबिनेट ने कृषि कानून निरसन विधेयक को अपनी मंजूरी दे दी है. संसद से यह विधेयक आसानी से पारित हो जायेगा क्योंकि पूरा विपक्ष कृषि कानूनों के खिलाफ था. ऐसे में विपक्ष सरकार को घेरने के लिए संसद के शीतकालीन सत्र में कोविड कुप्रबंधन को मुद्दा बनाने की कोशिश करेगा.

Posted By : Rajneesh Anand

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