नयी दिल्ली : कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने किसान संगठनों द्वारा आहूत ‘भारत बंद’ का समर्थन करते हुए शुक्रवार को विभिन्न राज्यों के कई किसानों के साथ डिजिटल संवाद किया और दावा किया कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर कृषकों को रत्ती भर भरोसा नहीं है. उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि संसद से पारित कृषि संबंधी विधेयक देश के किसानों को गुलाम बना देंगे. किसानों से बातचीत का वीडियो शेयर करते हुए राहुल गांधी ने ट्वीट किया, ‘‘ किसानों से बातचीत करके एक बात साफ़ हो गयी कि उन्हें मोदी सरकार पर रत्ती भर भी भरोसा नहीं है.
किसान भाइयों की बुलंद आवाज़ के साथ हम सब की आवाज़ भी जुड़ी है और आज पूरा देश मिलकर इन कृषि क़ानूनों का विरोध करता है.” कांग्रेस नेता के साथ डिजिटल संवाद में महाराष्ट्र, बिहार, हरियाणा और कुछ अन्य राज्यों के किसान शामिल हुए. इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने एक अन्य ट्वीट में दावा किया, ‘‘एक त्रुटिपूर्ण जीएसटी ने सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग को बर्बाद कर दिया. नए कृषि कानून हमारे किसानों को गुलाम बना देंगे.”
किसानों से बातचीत करके एक बात साफ़ हो गयी- उन्हें मोदी सरकार पर रत्ती भर भी भरोसा नहीं है।
किसान भाइयों की बुलंद आवाज़ के साथ हम सब की आवाज़ भी जुड़ी है और आज पूरा देश मिलकर इन कृषि क़ानूनों का विरोध करता है।#ISupportBharatBandh pic.twitter.com/r2Xhuy10wf
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 25, 2020
पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी नेभी किसानों के प्रदर्शन का समर्थन किया और आरोप लगाया कि ये कृषि विधेयक ‘ईस्ट इंडिया कंपनी राज’ की याद दिलाते हैं. प्रियंका ने ट्वीट किया, ‘‘ किसानों से एमएसपी छीन ली जाएगी. उन्हें ठेके पर खेती के जरिए खरबपतियों का गुलाम बनने पर मजबूर किया जाएगा. न दाम मिलेगा, न सम्मान. किसान अपने ही खेत पर मजदूर बन जाएगा.”
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उन्होंने दावा किया, ‘‘ भाजपा के कृषि विधेयक ईस्ट इंडिया कंपनी राज की याद दिलाते हैं. हम ये अन्याय नहीं होने देंगे.” ‘भारत बंद’ का समर्थन करते हुए कांग्रेस महासचिव एवं मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘‘ पेट में अंगारे और मन में तूफ़ान लिए देश का अन्नदाता किसान और भाग्यविधाता खेत मज़दूर भारत बंद करने को मजबूर है. अहंकारी मोदी सरकार को न उसके मन की व्यथा दिखती, न उसकी आत्मा की पीड़ा महसूस होती.” उन्होंने कहा, ‘‘ आइये, भारत बंद में किसान-मज़दूर के साथ खड़े हों, संघर्ष का संकल्प लें.”
गौरतलब है कि कृषि विधेयकों के विरोध में कई किसान संगठनों ने शुक्रवार को ‘भारत बंद’ आहूत किया. हाल ही में संपन्न मानसून सत्र में संसद ने कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 को मंजूरी दी.