भारत जोड़ो यात्रा से राहुल गांधी का भाजपा पर हमला, कहा – वनवासी कहकर आदिवासियों का किया अपमान, मांगे माफी

राहुल गांधी ने भाजपा शासित मध्य प्रदेश में खंडवा जिले में स्वतंत्रता संग्राम के शहीद क्रांतिकारी टंट्या भील की जन्मस्थली बड़ौदा अहीर में जनसभा को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण सुना, जिसमें उन्होंने आदिवासियों के लिए नया शब्द वनवासी इस्तेमाल किया.

By KumarVishwat Sen | November 24, 2022 8:43 PM
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खंडवा : भारत जोड़ो यात्रा से कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और पार्टी के सांसद राहुल गांधी ने गुरुवार को मध्य प्रदेश की धरती से भाजपा पर हमला किया है. उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ दल आदिवासियों के लिए ‘वनवासी’ कहकर अपमान कर रही है. मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल क्षेत्रों में यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने मांग भी की कि वनवासी शब्द के इस्तेमाल के लिए भाजपा को जनजातीय समुदाय से हाथ जोड़कर माफी मांगनी चाहिए.

शहीद क्रांतिकारी टंट्या भील की जन्मस्थली में राहुल का संबोधन

बता दें कि भारत जोड़ो यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने भाजपा शासित मध्य प्रदेश में खंडवा जिले में स्वतंत्रता संग्राम के शहीद क्रांतिकारी टंट्या भील की जन्मस्थली बड़ौदा अहीर में जनसभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भाषण सुना, जिसमें उन्होंने आदिवासियों के लिए नया शब्द वनवासी इस्तेमाल किया. इस शब्द का मतलब है कि आदिवासी देश के पहले मालिक नहीं हैं और वे सिर्फ जंगल में रहते हैं.

वनवासी कहकर आदिवासियों का अपमान, माफी मांगे भाजपा

कन्याकुमारी से श्रीनगर तक की 3,570 किलोमीटर लम्बी यात्रा की अगुवाई कर रहे राहुल गांधी ने दावा किया कि ‘वनवासी’ शब्द के इस्तेमाल के पीछे यह विचारधारा भी है कि भाजपा के राज में जब धीरे-धीरे जंगल खत्म हो जाएंगे, तब जनजातीय समुदाय के लिए देश में कोई जगह नहीं बचेगी. राहुल ने ‘वनवासी’ के संबोधन को आदिवासियों के लिए अपमानजनक बताया और कहा कि इस शब्द के इस्तेमाल पर भाजपा को देश के जनजातीय समुदाय से हाथ जोड़कर माफी मांगनी चाहिए.

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कांग्रेस के राज में बन कई कानूनों को भाजपा ने किया कमजोर

राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की विचारधारा ने देश के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान उन अंग्रेजों की मदद की थी, जिन्होंने टंट्या भील सरीखे आदिवासी क्रांतिकारियों को फांसी की सजा दी थी. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने भाजपा सरकार पर कांग्रेस के राज में बने पेसा कानून, जमीन अधिग्रहण कानून और वनाधिकार कानून को कमजोर करने का आरोप भी लगाया और कहा कि जल, जंगल और जमीन को लेकर आदिवासियों से छीने गए अधिकार उन्हें वापस मिलने चाहिए. उन्होंने मध्यप्रदेश में आदिवासियों पर देश भर में सबसे ज्यादा अत्याचार होने का आरोप लगाया और कहा कि अगर भाजपा की सरकार आदिवासियों को उनके अधिकार नहीं लौटाती है, तो प्रदेश में हमारी सरकार आते ही हम उनके सारे अधिकारों को सिलसिलेवार तौर पर बहाल कर देंगे.

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