काश, कोविड टीके की रणनीति होती ‘मन की बात’: राहुल

पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए टीका तैयार करने की केंद्र सरकार की रणनीति पर सवाल उठाते हुए रविवार को कहा कि काश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे अपने ‘‘मन की बात'' का विषय बनाया होता.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 27, 2020 10:42 PM

नयी दिल्ली : पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कोविड-19 महामारी से बचाव के लिए टीका तैयार करने की केंद्र सरकार की रणनीति पर सवाल उठाते हुए रविवार को कहा कि काश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे अपने ‘‘मन की बात” का विषय बनाया होता.

राहुल ने ट्वीट कर कहा, ‘‘सवाल तो जायज है, लेकिन सरकार के जवाब का भारत कब तक इंतजार करेगा? काश, कोविड एक्सेस स्ट्रैटेजी ही मन की बात होती.” राहुल की यह टिप्पणी प्रधानमंत्री के मासिक रेडियो कार्यक्रम ‘‘मन की बात” के प्रसारण के बाद आई. अपनी प्रतिक्रिया के साथ ही राहुल ने एक खबर भी साझा की जिसमें देश के सबसे बड़े वैक्सीन निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अदार पूनावाला ने सरकार से पूछा है कि क्या देश में सभी को कोरोना का टीका देने के लिए उसके पास 80 हजार करोड़ रुपए उपलब्ध हैं.

पूनावाला ने शनिवार को ट्वीट किया था, ‘‘त्वरित सवाल: भारत सरकार के पास अगले एक साल में 80,000 करोड़ रुपए उपलब्ध होंगे? क्योंकि स्वास्थ्य मंत्रालय को वैक्सीन खरीदने और सभी को वितरित करने के लिए इसकी जरूरत होगी. यह अगली चुनौती है जिससे हमें निपटने की जरूरत है.” सीरम इंस्टीट्यूट भारत में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के वैक्सीन को ब्रिटेन की एस्ट्रेजेनिका के साथ तैयार कर रही है. ऑक्सफोर्ड द्वारा विकसित किया गया टीका अपने परीक्षण के तीसरे चरण में है और कंपनी एस्ट्राजेनेका पहले ही इसकी करोड़ों खुराक का उत्पादन करने में जुटी है.

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