लाल किले पर आयोजित स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी नजर आए. इस बीच उनके बैठने की जगह को लेकर बवाल मच गया है. सोशल मीडिया यूजर मामले को लेकर मोदी सरकार को ट्रोल कर रहे हैं. दर्शक दीर्घा में सफेद कुर्ता पायजामा पहने बैठे राहुल गांधी की तस्वीर की जोरों पर चर्चा हो रही है. चर्चा विपक्ष के नेता के तौर पर उन्हें पीछे की पंक्ति में बैठाए जाने को लेकर हो रही है और यूजर लगातार इसपर रिएक्शन दे रहे हैं.
क्यों राहुल गांधी को बैठाया गया पीछे?
सोशल मीडिया पर राहुल गांधी की सीटिंग व्यवस्था के बारे में चर्चा होने के बाद रक्षा मंत्रालय के सूत्रों के हवाले से indiatoday ने एक खबर प्रकाशित की है. रक्षा मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि राहुल गांधी को पीछे की ओर बैठाना आखिर क्यों पड़ा? दरअसल, मंत्रालय की ओर से बताया गया कि ऐसा इसलिए करना पड़ा क्योंकि आगे की पंक्तियां ओलंपिक पदक विजेताओं को आवंटित की गई थीं. हालांकि, सीटिंग प्लान बनाने के लिए जिम्मेदार रक्षा मंत्रालय ने कहा कि प्रोटोकॉल के अनुसार विपक्ष के नेता को आम तौर पर पहली कुछ पंक्तियों में सीट दी जाती है. आपको बता दें कि राष्ट्रीय कार्यक्रमों के आयोजन और इस तरह के आयोजन में बैठने की व्यवस्था का काम रक्षा मंत्रालय का होता है.
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10 साल तक क्यों शामिल नहीं हुए नेता प्रतिपक्ष?
लोकसभा में विपक्ष के नेता का पद 2014 से 2024 तक यानी 10 साल तक खाली रहा. ऐसा इसलिए था क्योंकि उस अवधि के दौरान किसी भी विपक्षी दल के पास इस पद को हासिल करने के लिए पर्याप्त सांसद मौजूद नहीं थे. पिछले दिनों देश में हुए लोकसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी की सीटों की संख्या 99 पहुंचने के बाद 25 जून, 2024 को राहुल गांधी को लोकसभा में विपक्ष का नेता नियुक्त किया गया था.