Rahul Gandhi के भाषण पर चली स्पीकर ओम बिरला की कैंची, लोकसभा रिकॉर्ड से हटाए गए ये 4 शब्द

Rahul Gandhi News: नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस नेता राहुल गांधी के भाषण पर एक बार फिर से कैंची चली है. लोकसभा में उनके भाषण के कुछ शब्दों को सदन की कार्यवाही से हटा दिया गया है.

By Aman Kumar Pandey | July 30, 2024 11:57 AM

Rahul Gandhi News: नेता प्रतिपक्ष के तौर पर संसद के निचले सदन लोकसभा में दिया गया राहुल गांधी का दूसरा भाषण भी विवादों में आ गया है. सोमवार 29 जुलाई को बजट पर चर्चा के दौरान लोकसभा में राहुल गांधी ने जो भाषण दिया था, उसके कुछ शब्दों को संसद की रिकॉर्ड से हटा दिया गया है.

Rahul Gandhi के इन शब्दों को हटाया गया

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला के आपत्ति के बाद राहुल गांधी के दूसरे भाषण से जिन शब्दों को हटाया गया है, उनमें अंबानी, अडानी, मोहन भागवत, अजित डोभाल है. अपने कुल 45 मिनट के भाषण में राहुल गांधी ने इन चार लोगों का नाम लिया था। इस पर लोकसभा के स्पीकर ओम बिरला ने आपत्ति भी जताई थी.

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संसद में राहुल गांधी ने क्या कहा था?

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा, “हजारों साल पहले, कुरूक्षेत्र में छह लोगों ने अभिमन्यु को ‘चक्रव्यूह’ में फंसाया और उसे मार डाला. मैंने थोड़ा शोध किया और पता चला कि ‘चक्रव्यूह’ को ‘पद्मव्यूह’ के नाम से भी जाना जाता है।” ‘ जिसका अर्थ है ‘कमल निर्माण’। ‘चक्रव्यूह’ कमल के आकार का है। 21वीं सदी में एक नया ‘चक्रव्यूह’ रचा गया है. वह भी कमल के रूप में अभिमन्यु के साथ जो किया गया, वही भारत के साथ किया जा रहा है – युवा, किसान, महिलाएं, छोटे और मध्यम व्यवसाय आज भी ‘चक्रव्यूह’ के केंद्र में छह लोग हैं. आज भी छह लोग नियंत्रण करते हैं, नरेंद्र मोदी, अमित शाह, मोहन भागवत, अजीत डोभाल, अंबानी और अडानी।” स्पीकर ओम बिरला के हस्तक्षेप के बाद उन्होंने कहा, ” अगर आप चाहें तो मैं एनएसए, अंबानी और अडानी का नाम छोड़ दूंगा और सिर्फ 3 नाम लूंगा.”

संसद के किस नियम के तहत हटाए जाते हैं शब्द?

संसद के प्रक्रिया और कार्य संचालन नियम 380 (निष्कासन) में कहा गया है कि अगर अध्यक्ष या सभापति की राय है कि वाद-विवाद में ऐसे शब्दों का प्रयोग किया गया है. जो अपमानजनक, अमर्यादित, असंसदीय या अशोभनीय हैं. तब  सदन अध्यक्ष या सभापति अपने विवेक का प्रयोग करते हुए ऐसे शब्दों को सदन की कार्यवाही से निकालने का आदेश दे सकते हैं.

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