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कर्नाटक: कोलार में गरजे राहुल गांधी, पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए अडाणी को बताया ‘‘भ्रष्टाचार का प्रतीक’’

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को कर्नाटक के कोलार में अडाणी समूह के ‘‘भ्रष्टाचार’’ का मुद्दा उठाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला किया और दोहराया कि वह केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार से डरते नहीं हैं.

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रविवार को कर्नाटक के कोलार में अडाणी समूह के ‘‘भ्रष्टाचार’’ का मुद्दा उठाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला किया और दोहराया कि वह केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार से डरते नहीं हैं.

कोलार में गांधी ने ‘मोदी उपनाम’ वाली एक टिप्पणी की थी

आपको बताएं, वर्ष 2019 में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान कोलार में गांधी ने ‘मोदी उपनाम’ वाली एक टिप्पणी की थी, जिसके लिए उन्हें आपराधिक मानहानि का दोषी ठहराया गया था और लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य करार दिया गया था. कर्नाटक विधानसभा चुनावों की 29 मार्च को घोषणा के बाद राज्य की अपनी पहली यात्रा पर आए गांधी ने अडाणी मुद्दे के जरिए प्रधानमंत्री पर निशाना साधा और कारोबारी गौतम अडाणी के साथ मोदी के ‘‘संबंध’’ के बारे में जानना चाहा.

मैं डरने वालों में से नहीं हूं- राहुल गांधी 

उन्होंने यहां ‘जय भारत’ रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘मुझे संसद से अयोग्य घोषित कर दिया गया. वे (केंद्र सरकार) सोचते हैं कि वे मुझे हटाकर और धमकाकर डराएंगे. मैं डरने वालों में से नहीं हूं.’’ गांधी ने कहा, ‘‘जब तक मुझे जवाब नहीं मिलता, मैं यह सवाल पूछता रहूंगा। आप मुझे अयोग्य ठहराएं, मुझे जेल में डाल दें या जो चाहें करें, मैं डरने वाला नहीं हूं.’’ रक्षा बुनियादी ढांचा क्षेत्र में काम करने वाली अडाणी समूह की कंपनियों के खिलाफ कोई जांच नहीं हो रही है, यह आरोप लगाते हुए गांधी ने कहा कि समूह के अध्यक्ष ने अपनी ‘‘शेल कंपनी’’ (कागजी कंपनी) में एक चीनी व्यक्ति को नियुक्त किया है. गांधी ने कहा, ‘‘अडाणी भ्रष्टाचार के प्रतीक हैं.’’

राहुल गांधी ने पीएम मोदी से कई सवाल पूछे 

गांधी ने कहा, ‘‘मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूछना चाहता हूं- अडाणी के साथ आपका क्या संबंध है, जिन्हें भारत में हवाई अड्डे दिए जा रहे हैं? उन्हें ठेका देने के लिए नियम बदले जाते हैं। नियम क्यों बदले जा रहे हैं?’’ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि अडाणी समूह के पास हवाई अड्डे संचालित करने की कोई विशेषज्ञता नहीं है, जो संचालन के लिए पूर्व शर्त है, लेकिन इसके बावजूद उन्हें व्यापार समूह को सौंप दिया गया.

गांधी ने आरोप लगाया, ‘‘जिनके पास हवाई अड्डे थे, उन्हें केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी केंद्रीय एजेंसियों द्वारा फंसाया गया और फिर ये हवाई अड्डे अडाणी को दे दिए गए.’’ उन्होंने आरोप लगाया कि ऑस्ट्रेलिया में प्रधानमंत्री मोदी को उनके समकक्ष और गौतम अडाणी के साथ देखा गया था और भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की तत्कालीन एक वरिष्ठ अधिकारी भी उनके बगल में दिखी थीं. गांधी ने कहा कि अगले ही दिन, एसबीआई ने अडाणी को ऋण दिया.

गांधी ने दावा किया कि श्रीलंका में हवाई अड्डा प्राधिकरण के अध्यक्ष ने कहा कि (श्रीलंका के) राष्ट्रपति ने उन्हें बताया कि मोदी ने अधिकारियों से अडाणी की मदद करने के लिए कहा था. गांधी ने आरोप लगाया, ‘‘प्रधानमंत्री बांग्लादेश जाते हैं और ठेका अडाणी को मिल जाता है. प्रधानमंत्री इजराइल जाते हैं और अडाणी को सीमेंट और हवाई अड्डे के ठेके मिलते हैं.’’ कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि वह पहले ही अडाणी की ‘‘शेल कंपनियों’’ से संबंधित 20,000 करोड़ रुपये का मुद्दा उठा चुके हैं और जानना चाहते हैं कि यह पैसा किसका था. गांधी ने कहा कि इन सवालों को उठाने पर सत्ताधारी पार्टी ने संसद नहीं चलने दी.

भाषा इनपुट के साथ.

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