संसद सदस्यता से अयोग्य ठहराने के बाद बंगला खाली करने के लिए दी गयी नोटिस का जवाब राहुल गांधी ने दे दिया है. राहुल गांधी ने लोकसभा सचिवालय को लिखे पत्र में कहा, पत्र के लिए धन्यवाद, मैं इसका पालन करूंगा.
बंगला खाली करने के नोटिस पर राहुल ने लिखा भावुक खत
राहुल गांधी ने लोकसभा सचिवालय को लिखे पत्र में कहा, पिछले चार कार्यकाल से लोकसभा सदस्य होने के नाते, यह जनता का जनादेश है, जिसके प्रति मैं यहां बिताये समय की सुखद स्मृतियों का ऋणी हूं. उन्होंने आगे लिखा, पूर्वाग्रह के बिना, मैं, निश्चित रूप से आपके पत्र में निहित विवरण का पालन करूंगा. राहुल 2005 से इस बंगले में रह रहे हैं.
22 अप्रैल तक राहुल गांधी को बंगला खाली करने का नोटिस
गौरतलब है कि मानहानि के एक मामले में दोषी करार दिए जाने के बाद लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित किए गए राहुल गांधी को 22 अप्रैल तक उन्हें आवंटित सरकारी बंगला खाली करने को कहा गया है. लोकसभा की आवासीय समिति ने यह फैसला लिया जिसके बाद लोकसभा सचिवालय ने कांग्रेस नेता को 12 तुगलक लेन स्थित सरकारी बंगला खाली करने का पत्र भेजा.
"As an elected Member of Lok Sabha over last 4 terms, it is the mandate of the people to which I owe the happy memories of my time spent here. Without prejudice to my rights, I will, of course, abide by the details contained in your letter," Rahul Gandhi writes to Deputy… https://t.co/c3LzehDt9u pic.twitter.com/k5VW47TZB1
— ANI (@ANI) March 28, 2023
सिब्बल ने राहुल को बंगला खाली करने के नोटिस पर कहा- तुच्छ लोगों की तुच्छ राजनीति
राज्यसभा सदस्य कपिल सिब्बल ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को उनका आधिकारिक बंगला खाली करने के लिए कहे जाने को लेकर सरकार पर निशाना साधा तथा इसे तुच्छ लोगों की तुच्छ राजनीति करार दिया.
उनका जमीर मर चुका है – सिब्बल
इस घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए सिब्बल ने ट्वीट किया, राहुल को बंगला खाली करने के लिए कहा गया है..उनका जमीर मर चुका है. तुच्छ लोगों की तुच्छ राजनीति. संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार के पहले और दूसरे कार्यकाल में केंद्रीय मंत्री का दायित्व संभाल चुके सिब्बल ने पिछले साल मई में कांग्रेस छोड़ दी थी. फिर वह राज्यसभा के लिए समाजवादी पार्टी के समर्थन से निर्दलीय निर्वाचित हुए. पिछले दिनों सिब्बल ने एक मंच इन्साफ शुरू किया जिसका उद्देश्य देश में कथित तौर पर व्याप्त अन्याय का मुकाबला करना है.