Rail Land Lease Policy: अब रेलवे स्टेशनों पर भी हवाई अड्डों जैसी शानदार सुविधाएं जल्द मिलेंगी. ऐसी शानदार सुविधाओं को पकड़ने के लिए पूरी तरह तैयार है. उम्मीद जतायी जा रही है कि यात्री जल्द ही उपनगरीय रेलवे स्टेशनों सहित रेलवे स्टेशनों पर ब्रांडेड आउटलेट, रेस्तरां, फूड कोर्ट, खुदरा दुकानों, शोरूम में आ सकते हैं. मल्टी-मोडल कार्गो टर्मिनल की योजना तेजी से आगे बढ़ेगी क्योंकि रेल मंत्रालय ने लाइसेंस शुल्क कम कर दिया है जबकि अंतरिक्ष या भूमि के लिए पट्टे की अवधि को बढ़ाकर 35 वर्ष कर दिया है. बता दें कि स्टेशनों के अच्छे रेस्तरां, दुकानें और अन्य प्रतिष्ठान न होने का यह एक प्रमुख कारण था.
केंद्र ने दी रेलवे की भूमि को पट्टे पर देने की मंजूरी
पीएम गति शक्ति ढांचे के तहत, केंद्र ने बुधवार को रेलवे की संशोधित नीति को कार्गो से संबंधित गतिविधियों और सार्वजनिक उपयोगिताओं के लिए रेलवे की भूमि को पट्टे पर देने को मंजूरी दे दी. इसके अनुसार रेलवे भूमि या स्थान को 35 वर्ष के लिए बाजार दर प्रति वर्ष के 1.5 प्रतिशत पर पट्टे पर दिया जा सकता है. यह एमजीआर चेन्नई सेंट्रल और एग्मोर और प्रमुख उपनगरीय रेलवे स्टेशनों के पक्ष में काम कर सकता है, जिनके पास बड़ी जगह बची है, लेकिन बड़े रेस्तरां, खुदरा दुकानों और अन्य जैसी उपयोगिताओं की सुविधा नहीं है.
कार्गो टर्मिनल भी किया जा सकता है विकसित
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि इससे स्टेशनों पर वाणिज्यिक स्थान और जमीन लीज पर ली जाएगी. कार्गो टर्मिनल भी विकसित किया जा सकता है. कई कार्गो के लिए ड्राइंग बोर्ड पर हैं और निवेशकों ने कई सुविधाएं स्थापित करने में रुचि दिखाई है. अधिकारी ने कहा कि पट्टे की अवधि में वृद्धि और शुल्क में कमी से निवेशकों को स्वामित्व की भावना मिलेगी. इससे उन्हें उद्यम को बढ़ावा देने, इसे बेहतर बनाने और इसे यात्रियों के लिए आकर्षक बनाने के लिए बेहतर प्रबंधन करने में मदद मिलेगी.
लीज की अवधि अब पांच साल
अधिकारी ने कहा बताया कि अब लीज की अवधि पांच साल है. लेकिन निवेशकों का कहना है कि उन्हें ब्रेक ईवन में कम से कम आठ साल लगेंगे. उद्योग की ओर से मांगे जाने के बाद मंडल रेल प्रबंधक चेन्नई की ओर से पट्टे की अवधि बढ़ाने का प्रस्ताव आया था और अब चेन्नई मंडल को रेलवे स्टेशनों और कार्गो टर्मिनलों के विकास के लिए उद्योग से कई प्रस्ताव पहले ही मिल चुके हैं.