…तो क्या 15 अप्रैल से फिर से दौड़ने लगेंगी ट्रेनें ? मंत्रालय ने बताया सच
Railway is clarify that no such plan regarding the resumption of passenger services from April 15 after lockdown : भारतीय रेल की तरफ से यह स्पष्टीकरण दिया गया है कि लॉकडाउन के बाद की योजना पर अभी कोई निश्चय नहीं किया गया है. यात्री सेवाओं को बहाल करने के लिए अभी कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किये गये हैं. इस संबंध में अगर कोई निर्णय होगा तो अधिकारिक रूप से इसकी जानकारी दी जायेगी.
नयी दिल्ली : भारतीय रेल की तरफ से यह स्पष्टीकरण दिया गया है कि लॉकडाउन के बाद की योजना पर अभी कोई निश्चय नहीं किया गया है. यात्री सेवाओं को बहाल करने के लिए अभी कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किये गये हैं. इस संबंध में अगर कोई निर्णय होगा तो अधिकारिक रूप से इसकी जानकारी दी जायेगी.
गौरतलब है कि आज सुबह सूत्रों के हवाले से ऐसी जानकारी आयी थी कि रेल मंत्रालय लॉकडाउन के बाद सेवा बहाली की तैयारी में जुट गया है. सूत्रों के हवाले से यह कहा गया था कि रेलवे के सभी सुरक्षा कर्मियों, स्टाफ, गार्ड, टीटीई और अन्य अधिकारियों को 15 अप्रैल से अपने-अपने कार्यस्थलों पर लौटने के लिए तैयार रहने को कहा गया है. ट्रेनों का संचालन सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद ही शुरू होगा.
Certain media reports have come on a post lockdown "restoration plan" with train details,frequency etc. It is to clarify that no such plan regarding the resumption of passenger services has been issued.All concerned would be duly informed about any further decision in this regard
— Ministry of Railways (@RailMinIndia) April 4, 2020
सरकार ने इस मुद्दे पर मंत्रियों का समूह गठित किया है. इस बीच, रेलवे ने ट्रेनों के संचालन की समयसारिणी, उनके फेरे और बोगियों की उपलब्धता के साथ अपने सभी रेल जोनों को सेवाओं को ‘‘बहाल करने की योजना” जारी की है. सूत्रों ने बताया कि सभी 17 जोनों को अपनी-अपनी सेवाएं संचालित करने के लिए तैयार रहने का संदेश दिया गया है. 15 अप्रैल से करीब 80 प्रतिशत ट्रेनों के निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार चलने की संभावना है जिनमें राजधानी, शताब्दी, दुरंतो ट्रेनें शामिल हैं.
स्थानीय ट्रेनों की सेवाएं भी चालू हो सकती हैं. सूत्रों ने बताया कि इस सप्ताह के अंत में जोनों को ठोस कार्य योजना भेजी जाएगी. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री द्वारा 24 मार्च को बंद की घोषणा करने के बाद अभूतपूर्व कदम उठाते हुए रेलवे ने 21 दिनों के लिए 13,523 ट्रेनों की सेवाएं निलंबित कर दी थी. इस दौरान उसकी मालवाहक ट्रेनें चलती रही हैं.