लॉकडाउन के दौरान मजदूरों को उनके राज्य तक पहुंचाने के लिए चलाये जा रहे श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में 97 लोगों की मौत हुई थी. रेलमत्री पीयूष गोयल ने आज राज्यसभा में इस बारे में जानकारी दी और बताया कि केंद्र सरकार द्वारा चलाये गये श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में सफर करने के दौरान मई महीने में 97 लोगों की मौत हुई थी. टीएसी सांसद डेरेक ओब्रायन के सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री ने राज्यसभा में यह जानकारी दी.
बता दें कि कोराना वायरस को लेकर देश भर में लागू किये गये लॉकडाउन के कारण देश भर में अलग अलग राज्यों में लाखों मजदूर फंसे हुए थे. इन्हे इनके राज्य तक पहुंचाने के लिए सरकार द्वारा श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलायी गयी थी. इन ट्रेनों में यात्रा करने के दौरान कई मजदूरों की मौत हो गयी थी.
इस मामले को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर थी. विपक्ष का ओराप था कि श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में कई मजदूरों की भूख प्यास के कारण हो गयी थी. विपक्ष का यह भी आरोप था सरकार के इस दौरान जान गंवाने वालों लोगों का आंकड़ा नहीं है. टीएमसी सांसद डेरेक ओब्रायन ने इस मामले में सरकार से जवाब मांगा था.
सवाल का जवाब देते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि नौ सिंतबर तक देश में श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में 97 लोगों की मौत हुई थी. सभी मौत लॉकडाउन के दौरान श्रमिकों को घर पहुंचाने के लिए चलायी गयी श्रमिक स्पेशल ट्रेन में हुई. मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए रेल मंत्री ने बताया कि नौ मई से 27 मई के बीच में श्रमजीवी स्पेशल ट्रेनों में 80 लोगों की मौत हुई.
आगे उन्होंने बताया कि श्रमिक ट्रेनों में हुई कुल मौतों मे से 80 लोगों के शव को राज्य पुलिस द्वारा पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया था. पॉस्टमोर्टम रिपोर्ट में जो बात सामने आयी है उसके मुताबिक 51 मौत की वजह कार्डियेक अरेस्ट, हृद्य रोग, ब्रेन हैम्रेज और कई प्रकार की पुरानी बीमारियां रही.
बता दें कि इससे पहले संसद में जानकारी दी गयी थी की एक मई से 31 अगस्त के बीच 4621 श्रमिक ट्रेनों का संचालन किया गया था, इस दौरान 63,19,000 लोगों ने सफर किया था. इसके अलावा रेल मंत्री ने और भी कई जानकारी दी.
Posted By : Pawan Singh