Railway Safety: हाल के दिनों में ट्रेनों को पटरी से उतारने के कई मामले सामने आये हैं. रेल पटरियों पर गैस सिलेंडर, लोहे और सीमेंट के बड़े-बड़े पोल रखने की घटना से यात्री सुरक्षा को लेकर सवाल खड़ा हो गया है. उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान और अन्य राज्यों से ऐसी घटना सामने आयी है, जिसको लेकर रेल मंत्रालय काफी गंभीर है. इस बाबत रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को कहा कि रेलवे, राज्य सरकार और राष्ट्रीय जांच एजेंसी(एनआईए) के साथ मिलकर ट्रेन हादसों को अंजाम देने वाले अपराधियों को पकड़ने का काम कर रही है.
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए पूरा रेलवे प्रशासन अलर्ट मोड में हैं. सरकार की प्राथमिकता सुरक्षित यात्रा मुहैया कराना है. इस काम को अंजाम देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी. चूंकि ऐसी घटना में किसी साजिश से इंकार नहीं किया जा सकता और इस तरह की घटना को अंजाम देने वाले के तार कई राज्यों में फैले हो सकते हैं, इसलिये इसमें एनआईए को भी शामिल किया गया है. निश्चित रूप से ये अपराधी पटरियों पर सामान रखकर ट्रेन को पटरी से उतारने की कोशिश कर यात्री सुरक्षा के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं.
क्या पटरियों पर साजिश करने की जांच कर रही है एनआईए
रेलवे संपत्तियों की सुरक्षा का काम रेलवे प्रोटेक्शन फोर्स करती है. जबकि रेलवे क्षेत्र के तहत होने वाले अपराध की जांच जीआरपी के अधीन है. जीआरपी राज्य सरकार के तहत आती है. रेल पटरियों के बड़े नेटवर्क को देखते हुए हर जगह इसकी सुरक्षा करना संभव नहीं है. फिर भी पटरियों पर हादसे की साजिश को रोकने का काम राज्य पुलिस ही कर सकती है. रेल मंत्रालय, डीजीपी और मुख्य सचिवों के साथ पटरियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है. रेल मंत्री के एनआईए संबंधी बयान से साफ जाहिर होता है कि रेल पटरियों पर हादसे की साजिश की जांच का काम एनआईए कर रही है.
इससे पहले भी रेलवे ने एनआईए को जांच का जिम्मा सौंपा है. क्योंकि यह किसी एक राज्य से जुड़ा मामला नहीं है और ऐसे हादसों को अंजाम देने में आतंकवादियों की भूमिका से भी इंकार नहीं किया जा सकता है.रेल पटरियों को नुकसान पहुंचाने की घटना को देखते हुए रेल मंत्रालय सभी राज्य सरकारों के साथ लगातार संवाद कर रही है. प्रदेशों के डीजीपी और होम सेक्रेटरी के साथ भी बातचीत जारी है. एनआईए भी शामिल है. यूपी में इस घटना की जांच के लिये एसटीएफ का गठन भी किया गया है.