कोहरे को लेकर रेलवे ने की तैयारी, लेट नहीं होंगी ट्रेनें, फॉग सेफ्टी डिवाइस के जरिये होगा रेल परिचालन
Railways prepare for fog, trains will not be late, rail operation will be done through fog safety device : नयी दिल्ली : कोरोना वायरस महामारी के कारण रेलवे ने ट्रेनों के परिचालन की संख्या सीमित कर दी है. वहीं, ठंड बढ़ने और कोहरे की मार का असर भी अब रेलवे पर पड़ने लगा है. घने कोहरों के बीच ट्रेनों को गंतव्य तक पहुंचाना बड़ी चुनौती है. ऐसे में ट्रेनों के लेट होने की संभावना ज्यादा होती है. इसके लिए रेलवे ने विशेष तैयारी की है.
नयी दिल्ली : कोरोना वायरस महामारी के कारण रेलवे ने ट्रेनों के परिचालन की संख्या सीमित कर दी है. वहीं, ठंड बढ़ने और कोहरे की मार का असर भी अब रेलवे पर पड़ने लगा है. घने कोहरों के बीच ट्रेनों को गंतव्य तक पहुंचाना बड़ी चुनौती है. ऐसे में ट्रेनों के लेट होने की संभावना ज्यादा होती है. इसके लिए रेलवे ने विशेष तैयारी की है.
जानकारी के मुताबिक, रेलवे ने घने कोहरों के बावजूद ट्रेनों के समय पर परिचालन को लेकर फॉग सेफ्टी डिवाइस (एफएसडी) से लैस किया है. इससे कोहरे में भी ट्रेनों का परिचालन सामान्य तरीके से होता रहेगा.
रेलवे के मुताबिक, फॉग सेफ्टी डिवाइस के जरिये ट्रेन चालक को पता चल जाता है कि आगे कब सिग्नल या या कौन-सा स्टेशन आनेवाला है. अभी लगभग 250 ट्रेनों को एंटी फॉग डिवाइस से लैस किया जा चुका है, ताकि कोहरे के कारण ट्रेनों के परिचालन पर कोई असर ना पड़े.
ट्रेन चला रहे लोको पायलट को डिवाइस के जरिये आगे लगी स्क्रीन पर सिग्नल और प्लेटफार्म की जानकारी लिखित रूप में मिलेगी. इससे लोको पायलट को समय पर ट्रेन को कंट्रोल करना आसान हो जायेगा. साथ ही कोहरे के कारण होनेवाली ट्रेन दुर्घटना में भी कमी आयेगी.
रेल अधिकारी ने बताया कि ठंड के मौसम में रेल पटरियों के चटकने की आशंका अधिक होती है. इसकी सुरक्षा के लिए पेट्रोलिंग और ट्रैक मैन को जीपीएस सिस्टम दिया गया है. लोको पायलट भी डिवाइस के जरिये ट्रेन परिचालन में आनेवाली समस्या से निबट सकेंगे.
फॉग सेफ्टी डिवाइस सिग्नल को पहले ही लोकेट कर बता देता है कि आगे कौन-सा स्टेशन आनेवाला है. डिवाइस के जरिये छोटे-छोटे हॉल्ट गेट की भी जानकारी लोको पायलट को मिलती है. इससे ट्र्रेन को कंट्रोल करने में मदद मिलती है.