Railways: रेलवे ने हजारों किलोमीटर ट्रैक को तेज गति वाली ट्रेन चलाने के लिए किया तैयार
देश में 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाने के लिए 23 हजार किलोमीटर रेलवे ट्रैक को अपग्रेड करने की उपलब्धि रेलवे ने हासिल की है. सरकार की कोशिश रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर का आधुनिकीकरण, कनेक्टिविटी को बेहतर करने और यात्रा के समय को कम करना है.
Railways: देश में हाई स्पीड ट्रेन चलाने के लिए रेलवे, इंफ्रास्ट्रक्चर का तेजी से विकास कर रहा है. देश में 130 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलाने के लिए 23 हजार किलोमीटर रेलवे ट्रैक को अपग्रेड करने की उपलब्धि हासिल की है. सरकार की कोशिश रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर का आधुनिकीकरण, कनेक्टिविटी को बेहतर करने और यात्रा के समय को कम करना है. इस प्रयास में रेलवे ट्रैक को अपग्रेड करने का काम तेज गति से किया जा रहा है और अब देश का 20 फीसदी रेलवे ट्रैक तेज गति से चलने के लिए तैयार हो चुका है.
इसके लिए सुरक्षा मानकों को पूरा ख्याल रखा गया और सिग्नलिंग सिस्टम को आधुनिक बनाया गया. महत्वपूर्ण जगहों पर ट्रैक की फेंसिंग की गयी है. रेलवे ट्रैक का आधुनिकीकरण एक व्यापक प्रक्रिया है और इसमें तेज गति से ट्रेन चलाने के लिए ट्रैक की जांच की जाती है. ताकि यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके. साथ ही सिग्नल और संचार सिस्टम को भी आधुनिक बनाया जाता है. रेलवे ट्रैक अपग्रेड की स्पीड, सेफ्टी और सर्विस के क्षेत्र में नये मानक स्थापित कर रहा है.
महत्वपूर्ण रूट पर हुआ है अपग्रेडेशन का काम
रेलवे की ओर से गोल्डन क्वाड्रिलेटरल और गोल्डन डायगनल नेटवर्क पर ट्रैक को अपग्रेड किया गया ताकि देश के महत्वपूर्ण शहरों को जोड़ा जा सके. इस रूट पर यात्री और माल ढुलाई सबसे अधिक होती है.अब इस रूट पर कम समय में सफर और माल ढुलाई हो सकेगी. इससे रेलवे की माल ढुलाई से होने वाली आय में भी इजाफा होगा. रेलवे की ओर से 54337 किलोमीटर ट्रैक को 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलाने के लिए अपग्रेड किया गया है. इससे रेलवे की ऑपरेशनल क्षमता में इजाफा होगा.
रेलवे की ओर से वंदे भारत सेमी हाई-स्पीड ट्रेन का संचालन किया गया है. यह ट्रेन 160 किलोमीटर की रफ्तार से चल सकती है और यह ट्रेन यात्रा करने का नया अनुभव लोगों को मुहैया करा रही है. मौजूदा वित्त वर्ष में अप्रैल से दिसंबर के बीच माल ढुलाई से होने वाली आय पिछले वर्ष के मुकाबले 4 फीसदी बढ़कर 1.26 लाख करोड़ रुपये हो गयी है. जबकि इस दौरान यात्री किराए से होने वाली आय 6 फीसदी बढ़कर 55988 करोड़ रुपये हो गयी है. वहीं रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर पर होने वाला खर्च भी बढ़ा है.