नयी दिल्ली : राजस्थान विधान सभा के स्पीकर सीपी जोशी ने आज विधायकों को नोटिस दिये जाने के मसले पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि कांग्रेस के बागी विधायक अगर नोटिस भेजे जाने से नाखुश थे और उन्हें लगता था कि उनके खिलाफ गलत कार्रवाई हो रही है तो उन्हें मुझसे संपर्क करना चाहिए था. लेकिन वे कोर्ट चले गये, उनका यह कदम लोकतंत्र के लिए शुभ नहीं है.
विधायकों को नोटिस किये जाने का मसला अभी कोर्ट में है और मैं कोर्ट का सम्मान करता हूं, इसलिए मैंने उनकी सदस्यता पर कोई फैसला नहीं किया है. कोर्ट के फैसले के बाद ही इस मसले पर विचार किया जायेगा. मैंने सुप्रीमकोर्ट में स्पेशल लीव पीटिशन दाखिल किया है, ताकि कोर्ट और स्पीकर के आदेश के बीच विरोध ना हो.
गौरतलब है कि सचिन पायलट की याचिका पर कोर्ट ने सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. कोर्ट शुक्रवार 24 जुलाई को इस मसले पर अपना फैसला सुनायेगा. राजस्थान में सियासी संकट तब शुरू हुआ था जब सचिन पायलट के साथ उनके समर्थक विधायक पार्टी से बागी हो गये थे.
सचिन पायलट और उनके साथियों की सदस्यता समाप्त करने के लिए स्पीकर सीपी जोशी ने उन्हें नोटिस जारी किया था जिसके खिलाफ सचिन पायलट हाईकोर्ट चले गये थे.
हालांकि सचिन पायलट अपना दांव सही से नहीं खेल सके और अशोक गहलोत की सरकार पर फिलहाल कोई खतरा नजर नहीं आता है क्योंकि उनके पास बहुमत का आंकड़ा है, लेकिन पार्टी प्रदेश में कमजोर हुई है इसमें कोई दो राय नहीं है.
बीच में ऐसी खबरें भी आ रहीं थीं कि सचिन पायलट की कांग्रेस में वापसी हो जायेगी. सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी ने भी सचिन को काफी मनाने की कोशिश की, लेकिन वे अड़े रहे.
Posted By : Rajneesh Anand