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Bhilwara Case: BJP ने पीड़िता के परिवार से की मुलाकात, कांग्रेस से पूछा- ‘राहुल-प्रियंका क्यों नहीं आए?’

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की महिला सांसदों के चार सदस्यीय दल ने रविवार को भीलवाड़ा दुष्कर्म एवं हत्या मामले की पीड़िता किशोरी के परिजनों से मुलाकात की और सवाल किया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाद्रा पीड़ित परिवार से मिलने क्यों नहीं आये.

Bhilwara Case : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की महिला सांसदों के चार सदस्यीय दल ने रविवार को भीलवाड़ा दुष्कर्म एवं हत्या मामले की पीड़िता किशोरी के परिजनों से मुलाकात की और सवाल किया कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाद्रा पीड़ित परिवार से मिलने क्यों नहीं आये. राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में बुधवार को 14 वर्षीय किशोरी के साथ कथित तौर पर सामूहिक दुष्कर्म किया गया और बाद में उसे कोयले की भट्टी में जला दिया गया. सांसदों के दल ने घटनास्थल का दौरा किया और पुलिस अधीक्षक व जिला कलेक्टर से मुलाकात करके अनुसंधान की प्रगति की जानकारी ली.

जिस लड़की के साथ यह घटना हुई वह भारत की बेटी

इस बीच कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव एवं राजस्थान के राज्य मंत्री धीरज गुर्जर ने कहा कि जिस लड़की के साथ यह घटना हुई वह किसी पार्टी या संगठन की नहीं बल्कि भारत की बेटी है. उन्होंने कहा कि किसी भी दल को उसे न्याय दिलाने के लिए राजनीति नहीं करनी चाहिए. गुर्जर ने कहा कि सरकार, राजनीतिक दलों और सामाजिक संगठनों की ओर से मृतक के परिजनों को 53.50 लाख रुपये मुआवजा दिया जायेगा. उन्होंने कहा कि परिवार के एक व्यक्ति को संविदा पर नौकरी दी जायेगी. उन्होंने कहा कि मुआवजे की मांग को लेकर धरना आज खत्म होने के बाद इस मामले में आरोपियों को सजा दिलाने के लिए पुलिस 15 दिनों में आरोपपत्र पेश करेगी.

थानाधिकारी और ड्यूटी अधिकारी निलंबित, सात लोग गिरफ्तार

वहीं, पुलिस प्रशासन ने मामले में थानाधिकारी और ड्यूटी अधिकारी को निलंबित कर दिया है और दो कांस्टेबल को लाइन हाजिर किया गया है. जिला पुलिस अधीक्षक आदर्श सिद्धू ने रविवार को बताया कि इस मामले में अब तक एक महिला सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने बताया कि वहीं दो नाबालिगों को हिरासत में लिया गया है. सिद्धू ने बताया कि पुलिस ने इस मामले में कालू (25), उसके भाई कान्हा कालबेलिया (21), कालू की पत्नी लाड उर्फ जीजी (25), पप्पू (35), संजय (20), कमलेश (30), प्रभु (40) को गिरफ्तार किया है. इसके साथ ही एक नाबालिग विवाहिता व एक नाबालिग किशोर को हिरासत में लिया गया है.

भाजपा सांसदों की मृतका किशोरी के परिजनों से मुलाकात

उन्होंने बताया कि मामले में थानाधिकारी और ड्यूटी अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है जबकि दो कांस्टेबल को लाइन हाजिर किया गया है. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्‌डा द्वारा गठित सांसदों की चार सदस्यीय तथ्यान्वेषण टीम रविवार दोपहर को घटनास्थल पर पहुंची. टीम की संयोजक सरोज पांडेय को बनाया गया है जबकि रेखा शर्मा, कांता कर्दम और लॉकेट चटर्जी बतौर सदस्य टीम में शामिल हैं. भाजपा सांसदों के दल ने मृतका किशोरी के परिजनों से मुलाकात की और घटनास्थल का जायजा लिया है. टीम इस पूरे मामले में रिपोर्ट तैयार करेगी जिसे वह भाजपा अध्यक्ष को सौंपेगी. टीम के साथ भाजपा की राष्ट्रीय मंत्री अल्का गुर्जर और महिला मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष रक्षा भंडारी भी हैं.

‘अपराध में राजस्थान सर्वोच्च शिखर पर’

घटनास्थल पर संवाददाताओं से बातचीत में दल का नेतृत्व कर रही सरोज पांडेय ने सत्तापक्ष से किसी के भी पीड़िता के परिवार से मिलने नहीं आने को लेकर निशाना साधा. उन्होंने कहा ‘राज्य सरकार में इतनी संवेदना भी नहीं है कि कम से कम पीड़ित परिवार से मिलने आये.’ उन्होंने आरोप लगाया कि अपराध में राजस्थान सर्वोच्च शिखर पर है और प्रदेश के मुख्यमंत्री के पास गृह विभाग भी है. पांडेय ने कहा कि गृहमंत्री होते हुए उनके (गहलोत के) राजस्थान में जिस प्रकार की घटना घटी है, इसकी जितनी निंदा की जाये वह कम है.

‘संस्कृति को गहलोत सरकार ने तार-तार कर दिया’

उन्होंने कहा, ‘राजस्थान अपनी संस्कृति के लिए पहचाना जाता है और आज इस संस्कृति को गहलोत सरकार ने तार-तार कर दिया.. इस सरकार को तत्काल इस्तीफा देना चाहिए.’ उन्होंने कहा कि ‘‘नाबालिग के साथ घटित घटना के बाद परिजनों को ना कोई मुआवजा की राशि दी गई ना मिलने की जरूरत समझी गई.. संवेदनहीनता की पराकाष्ठा इस सरकार ने की.. हम मांग करते है कि इस सरकार को तत्काल इस्तीफा देना चाहिए.’’ उन्होंने कहा कि इस मामले में पूरे प्रशासन की लापरवाही है. पांडेय ने कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाद्रा पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने ‘‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’’ का नारा दिया था.

राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पर साधा निशाना

सरोज पांडेय ने कहा, ‘‘ घटनाक्रम जब उत्तरप्रदेश में होता है तो दोनों भाई-बहन (राहुल गांधी और प्रियंका गांधी) वहां पर पहुंच जाते हैं लेकिन आज इस घटनाक्रम पर मैं प्रियंका गांधी, राहुल गांधी को और उनके नेताओं से पूछना चाहूती हूं कि वो यहां तक क्यों नहीं आये… क्या ये बिटिया नहीं थी.. क्या यह नहीं लड़ सकती थी और इसकी लड़ाई कौन लड़ेगा.’’ उन्होंने कहा, ‘उसकी (किशोरी की) लड़ाई क्या इनकी सरकार नहीं लड़ेगी.. गहलोत सरकार को नहीं लड़ना चाहिए? प्रियंका गांधी इस समय मौन क्यों हैं? उन्होंने कहा, ‘एक लड़की के लिए दूसरा भाव और अपने दल के लिए दूसरा भाव, यह नहीं होना चाहिए. प्रियंका गांधी को इस विषय पर जरूर बोलना चाहिए.’

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महिलाओं के ऊपर राजनीति नहीं

पांडेय ने सवाल किया,‘गहलोत सरकार ने इस हत्याकांड के बाद से मौन साधकर रखा है.. उस पर प्रियंका गांधी क्या कहेंगी क्या वो लड़की हूं..लड़ सकती हूं के नारे के साथ यहां पर आयेंगी.’ एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि महिलाओं के ऊपर राजनीति नहीं की जाती है और भाजपा ने कभी महिलाओं पर राजनीति नहीं की है और हम महिला हैं इसलिये इस बात को कह सकते हैं. उन्होंने कहा मुख्यमंत्री को महिलाओं के मुद्दे पर राजनीति नहीं करनी चाहिए उन्हें जवाब देना चाहिए कि अपराध में राजस्थान पहले स्थान पर क्यों हैं. भीलवाड़ा मामले पर आलोचना का सामना कर रहे राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को कहा था कि उनकी सरकार ने ऐसी घटनाओं को बहुत गंभीरता से लिया है और राज्य पुलिस को महिलाओं के खिलाफ अपराधों में शामिल लोगों से सख्ती से निपटने का निर्देश दिया है.

24 घंटे में जे पी नड्डा को सौंपेंगे रिपोर्ट

पांडेय ने कहा, ‘हम रिपोर्ट तैयार करके 24 घंटे में उसे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा को सौंपेंगे.’ भाजपा सांसद कांता कर्दम ने कहा कि ग्रामीणों और लड़की के परिवार ने उन्हें बताया कि उसे बचाया जा सकता था लेकिन पुलिस ने उनकी शिकायत पर ध्यान नहीं दिया. उन्होंने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में लोग कांग्रेस को उचित जवाब देंगे. भाजपा की महिला सांसदों की टीम ने घटना में प्रशासन की लापरवाही माना है. टीम ने कहा कि अगर परिजनों से सूचना मिलने के बाद पुलिस तलाश शुरू कर देती को वह (किशोरी) आज जीवित होती.

परिजनों का आरोप, बच सकती थी बच्ची

कांता कर्दम ने कहा कि गांव वालों और और बच्ची के परिजनों ने बताया कि बच्ची बच सकती थी, लेकिन थाना जाने पर उनकी सुनवाई नहीं हुई. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार का कोई भी नुमाइंदा पीड़ित परिवार से नहीं मिला है और मुख्यमंत्री ने भी कोई संज्ञान नहीं लिया है. कर्दम ने कहा कि ऐसी सरकार को बर्खास्त करना चाहिए, राजस्थान की जनता उनको जवाब देगी.

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