Rajasthan Budget 2023: 500 रुपये प्रति सिलेंडर की दर से मिलेगा LPG! जानें राजस्थान के बजट में क्या है खास
Rajasthan Budget 2023: राज्य सरकार महंगाई के असर को कम करने के लिए गरीब परिवारों को 500 रुपये प्रति सिलेंडर की दर से साल में 12 सिलेंडर देगी. जानें सीएम अशोक गहलोत ने क्या कहा
Rajasthan Budget 2023: केंद्र के बजट के बाद अब लोगों को इंतजार राजस्थान के बजट का है. प्रदेश की जनता को उम्मीद है कि इस बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पिटारे से बहुत कुछ निकल सकता है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शुक्रवार को अगले वित्त वर्ष का बजट पेश करने वाले हैं. चुनावी साल में आ रहा ‘बचत, राहत एवं बढ़त’ थीम वाला यह बजट युवाओं और महिलाओं पर केंद्रित होगा. सीएम गहलोत ने गुरुवार को ट्वीट किया,‘‘बचत, राहत, बढ़त.. आ रहा है. 10 फरवरी को पूर्वाह्न 11 बजे राजस्थान बजट पेश किया जाएगा.
यहां चर्चा कर दें कि गहलोत के पास वित्त विभाग भी है. उनका यह मौजूदा कार्यकाल का पांचवां एवं अंतिम बजट होगा. राज्य में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं. गहलोत कह चुके हैं कि आगामी (वित्त वर्ष 2023-24) बजट युवाओं एवं महिलाओं पर केंद्रित होगा और राज्य के लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करेगा.
बचत राहत बढ़त
आ रहा है, राजस्थान बजट 2023
दिनांक: 10 फरवरी 2023
समय: प्रातः 11 बजे
बजट भाषण निम्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर लाइव प्रसारित होगा:https://t.co/3O0APvFhIA https://t.co/DB8dnnDmi2 pic.twitter.com/PsQdruFc2e— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) February 9, 2023
500 रुपये प्रति सिलेंडर की दर से साल में 12 सिलेंडर
जानकारों के अनुसार इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ऐसा माना जा रहा है कि बजट में सरकार युवाओं और समाज कल्याण के लिए कई नई योजनाएं और कार्यक्रम पेश कर सकती है. मुख्यमंत्री पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि राज्य सरकार महंगाई के असर को कम करने के लिए गरीब परिवारों को 500 रुपये प्रति सिलेंडर की दर से साल में 12 सिलेंडर देगी. इसके अलावा वह गरीब परिवारों को ‘रसोई किट’ देने पर विचार करने की बात भी कह चुके हैं.
Also Read: Rajasthan Budget 2023: केंद्र से कुछ नहीं मिला ? अब CM अशोक गहलोत का खुलेगा पिटारा, जनता के लिए है बहुत कुछ
सामाजिक सुरक्षा के लिए भी योजना
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कह चुके हैं कि सरकार जल्द ही ओला, उबर, स्विगी जैसे ऐप के माध्यम से काम कर रहे ‘गिग वर्कर्स’ की सामाजिक सुरक्षा के लिए भी योजना बनाएगी, ताकि कंपनियां इनके साथ मनमानी ना कर सकें. उम्मीद है कि वे इस बारे में बजट में कोई घोषणा कर सकते हैं. स्विगी एवं ओला जैसी ऐप-आधारित सेवाओं के लिए काम करने वालों को गिग वर्कर्स कहा जाता है.
भाषा इनपुट के साथ