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गहलोत और पायलट गुट के बीच संतुलन, दलित और महिलाओं को खास तरजीह, 2023 चुनाव पर नजर

राजस्थान कांग्रेस में गहलोत और पायलट दोनों गुटों में संतुलन बनाने के बीच कांग्रेस ने 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भी कमर कंस ली है. नए मंत्रीमंडल में दलितों और महिलाओं को खास तरजीह देते हुए चुनाव की जमीन बनाने की कोशिश की गई है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 22, 2021 8:44 AM

राजस्थान कांग्रेस के अंर्तकलह को खत्म की कोशिश आलाकमान ने की है. मंत्री मंडल में भारी उठापटक के बाद गहलोत और पायलट दोनों खेमों में संतुलन बनाने की कोशिश की गई है. कोशिश में कांग्रेस ने दलित और महिलाओं दोनों को खास तहजीह दी है. साथ ही 2023 में पायलट को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाने की भी तैयारी है. राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो कांग्रेस 2023 में दोबारा सत्ता पाने के लिए नए रणनीति के तहत काम कर रही है.

ऐसे बना गहलोत और पायलट में संतुलन

गहलोत सरकार में सचिन पायलट के खेमे के मंत्रियों को जगह देने की कोशिश करते हुए पुनर्गठन किया गया है. कांग्रेस विधायक महेंद्रजीत सिंह मालवीय, रामलाल जाट, महेश जोशी औरविश्वेंद्र सिंह सहित कुल 15 विधायकों को मंत्री बनाया गया है. इनमें से 11 को कैबिनेट मंत्री तो 4 को राज्यमंत्री बनाया गया है. एक साल से भी अधिक समय से चल रहे कलह को शांत करने की कोशिश की गई है. पायलट के पांच सर्मथकों को मंत्रीमंडल में जगह दी गई है.

दलित और महिलाओं को खास तरजीह

कांग्रेस ने इस मंत्रीमंडल पुनर्गठन में 4 दलित विधायकों को भी जगह दी है. जिससे अब दलित मंत्रियों की संख्या 9 हो गई है. राजस्थान सरकार में तीन महिलाओं को मंत्री बनाया गया है. बता दें कि राजस्थान में 18 फीसदी दलित तबका है जो ग्रामीण है, ये ज्यादातर बीजेपी को वोट देते हैं. हालांकि 2018 में दलितों का साथ कांग्रेस को मिल जिसे बरकरार रखने की कोशिश की गई है. पार्टी ने जातीय समीकरण के साथ साथ क्षेत्रीय संतुलन बनाने की भी कोशिश की है.

2023 चुनाव की जमीन तैयार करने की कोशिश

राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो ये फेरबदल 2023 चुनाव को लेकर जमीन तैयार करने की शुरुआत है. कांग्रेस 2023 में दोबारा सरकार बनाने की कवायद में है. ऐसे में रणनीति के साथ आगे बढ़ रही है. राजस्थान में अगला विधानसभा चुनाव पायलट चेहरे के साथ लड़ने की तैयारी में है. ऐसा माना जा रहा है कि 5 राज्यों में होने वाले चुनाव के नतीजों के बाद मंत्री मंडल में और भी हेरफेर हो सकता है.

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