मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल विस्तार के बाद अब राजस्थान की बारी है. ऐसी उम्मीद की जा रही है कि बुधवार को भजन लाल शर्मा सरकार में पहला मंत्रिमंडल विस्तार होगा. मध्य प्रदेश में मोहन यादव सरकार में 28 विधायकों को मंत्री पद की शपथ सोमवार को दिलाई गई. जिसमें 18 विधायक कैबिनेट में शामिल हुए.
राजस्थान कैबिनेट में युवा और अनुभवी नेताओं को मिल सकता है मौका
राजस्थान में भजन लाल शर्मा की कैबिनेट में युवा और अनुभवी नेताओं को मौका मिल सकता है. पहली बार विधायक बने भजन लाल शर्मा ने इस महीने की शुरुआत में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. उनके साथ दीया कुमारी और प्रेम चंद बैरवा ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.
17 विधायक ले सकते हैं मंत्री पद की शपथ
ऐसी संभावना जताई जा रही है कि राजस्थान सरकार के कैबिनेट में करीब 17 विधायकों को शामिल किया जा सकता है. राजस्थान की 200 सदस्यों वाली विधानसभा में मुख्यमंत्री सहित अधिकतम 30 मंत्री हो सकते हैं.
कैबिनेट मंत्रियों की संभावित सूची
मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्रियों के लिए संभावितों में बाबा बालकनाथ, शैलेश सिंह, नौक्षम चौधरी, संदीप शर्मा, जवाहर सिंह बेदाम और महंत प्रताप पुरी शामिल हैं.
दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिले थे भजन लाल शर्मा, कैबिनेट विस्तार पर हुई चर्चा
मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने हाल ही में दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और अन्य से मुलाकात की थी और माना जाता है कि उन्होंने उनके साथ मंत्रिमंडल विस्तार से संबंधित मामलों पर चर्चा की. मुख्यमंत्री और उनके दो उपमुख्यमंत्री क्योंकि जयपुर जिले के निर्वाचन क्षेत्रों से विधायक के रूप में चुने गए थे, इसलिए उम्मीद है कि मंत्री राज्य के अन्य हिस्सों से होंगे. मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा जयपुर के सांगानेर विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं, वहीं दीया कुमारी विद्याधर नगर और प्रेम चंद बैरवा दूदू से विधायक हैं.
कैबिनेट में 40 से 55 साल के विधायकों को मिल सकता है मौका
सूत्रों ने बताया, रणनीति मंत्रिमंडल में जातियों और क्षेत्रों के प्रतिनिधित्व के बीच संतुलन बनाए रखने की होगी. संभावना है कि ज्यादातर मंत्री 40-55 वर्ष की आयु वर्ग के होंगे. पार्टी सूत्रों ने बताया, यह एक ऊर्जावान टीम होगी. जब से भजन लाल शर्मा को नियुक्त करने का निर्णय लिया गया है, तब से पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं में उत्साह है, जो मानते हैं कि एक समर्पित कार्यकर्ता को उच्च पद पर पहुंचाया जा सकता है.