राजस्थान: रात में तीन बजे तक पढ़ाई करते थे सीएम अशोक गहलोत, बनना चाहते थे डॉक्टर लेकिन…

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विद्यार्थियों में बढ़ रही आत्महत्या की घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि अभिभावकों को अपने बच्चों के साथ बातचीत करनी चाहिए.

By Amitabh Kumar | August 13, 2023 10:01 AM
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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को कृषि अनुसंधान केन्द्र में आयोजित राज्य स्तरीय युवा महापंचायत ‘युवा संकल्प’ को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने ऐसी बात कही जो चर्चा का केंद्र बन गया है. सीएम गहलोत ने कहा कि यह चिंता का विषय है कि कोटा में पिछले आठ महीनों में 20 छात्रों ने खुदकुशी कर ली. मैं खुद बचपन में डॉक्टर बनना चाहता था, रात में 2-3 बजे तक पढ़ाई करता था, लेकिन सफल नहीं हो सका. हालांकि, मैंने हिम्मत नहीं हारी. मैंने अपना रास्ता बदला, सामाजिक कार्यकर्ता बना, राजनीति में आया और आज मैं आपके सामने हूं.

राज्य स्तरीय युवा महापंचायत ‘युवा संकल्प’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीएम गहलोत ने कहा कि युवाओं के भीतर समाज में परिवर्तन लाने की शक्ति होती है तथा उनकी ऊर्जा और नये आविष्कार की क्षमता समाज को नई दिशा दे सकती है. युवा होना एक अद्भुत और महत्वपूर्ण दौर होता है, युवा शब्द सिर्फ एक आयु का ही नहीं बल्कि यह ऊर्जावान होने का भी संकेत है. नवीन युवा नीति से राजस्थान 2030 तक देश का अग्रणी राजस्थान बनेगा तथा इसी दिशा में नयी ‘युवा नीति’ विजन 2030 को साकार करने का एक सशक्त माध्यम बनेगी.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने क्या दी सलाह

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विद्यार्थियों में बढ़ रही आत्महत्या की घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त की और कहा कि अभिभावकों को अपने बच्चों के साथ बातचीत करनी चाहिए. उनमें सकारात्मक सोच को बढ़ावा देना चाहिए. उन्होंने उनपर करियर को लेकर किसी भी प्रकार का मानसिक दबाव न बनाने की सलाह भी कार्यक्रम में दी. उन्होंने अभिभावकों को जरूरत पड़ने पर अपने बच्चों के लिए परामर्श सेवा का सहारा भी लेने का भी सुझाव दिया.

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गांधी परिवार के भरोसेमंद हैं अशोक गहलोत

भले ही अशोक गहलोत डॉक्टर नहीं बन पाये हों लेकिन उन्हें आज राजनीति का जादूगर कहा जा सकता है. उनके पिता का नाम लक्ष्मण सिंह गहलोत था जो राजस्थान के मशहूर जादूगर थे. अशोक गहलोत भी पिता के साथ कई शो में नजर आते थे. कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बचपन में वह उनके जादूगर अंकल हुआ करते थे. गांधी परिवार के चाणक्य की संज्ञा भी उन्हें दी जाती है. अशोक गहलोत कुशल रणनीतिकार माने जाते हैं जिसका लोहा वे कई चुनाव में मनवा चुके हैं. 2017 के गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी को कांटे की टक्कर दी. यह गहलोत की वजह से ही हुआ था. महज 34 साल की उम्र में राजस्थान के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बनने के साथ ही उनके नाम एक रिकॉर्ड बना. वे कांग्रेस के इतिहास में सबसे कम उम्र के प्रदेश अध्यक्ष बने और कांग्रेस को आगे लेकर बढ़ते चले गये.

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यहां चर्चा कर दें कि अशोक गहलोत तीन पीढ़ियों से गांधी परिवार के भरोसेमंद रहे हैं. यही वजह है कि उन्हें डिगा पाना मुश्किल नजर आ रहा है. उन्हें इंदिरा गांधी ने चुना जबकि संजय गांधी ने उन्हें तराशा था. यही नहीं राजीव गांधी ने गहलोत को आगे बढ़ाया जबकि सोनिया गांधी ने उन्हें चमकाया.

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सोनिया गांधी के भी करीबी

साल 1998 के राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को जबरदस्त जीत मिली और पार्टी ने प्रदेश की कमान को लेकर बड़ा फैसला किया. इस साल विधानसभा की 200 सीटों में से 153 पर पार्टी ने जीत का परचम लहराया. राजेश पायलट, नटवर सिंह, बूटा सिंह, बलराम जाखड़, परसराम मदेरणा जैसे दिग्गजों के बजाय सोनिया गांधी ने अशोक गहलोत पर अपना दांव खेला और वह पहली बार मुख्यमंत्री के पद पर काबिज हुए.

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