जयपुर : राजस्थान में जारी राजनीतिक संकट के बीच मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा. इस पत्र में उन्होंने आरोप लगाया है कि राजस्थान की निर्वाचित सरकार को गिराने का प्रयास हो रहा है और इस षड्यंत्र में एक केंद्रीय मंत्री भी शामिल हैं.
पत्र में उन्होंने लिखा है, ‘’कोविड-19 महामारी के इस दौर में जीवन रक्षा ही हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. ऐसे में राजस्थान में चुनी हुई सरकार को गिराने का कुप्रयास किया जा रहा है. इस कृत्य में केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, भाजपा के अन्य नेता एवं हमारी पार्टी के कुछ अति महत्वाकांक्षी नेता भी शामिल हैं.
गहलोत ने पीएम को लिखा, प्रिय श्री नरेंद्र मोदी जी, मैं आपका ध्यान राज्यों में चुनी हुई सरकारों को लोकतांत्रिक मर्यादाओं के विपरीत हॉर्स ट्रेडिंग के माध्यम से गिराने के लिए किये जा रहे कुत्सित प्रयासों की ओर आकृष्ट करना चाहूंगा. उन्होंने आगे लिखा, हमारे संविधान में बहुदलीय व्यवस्था के कारण, राज्यों और केंद्र मोदी में अलग-अलग दलों की सरकारें चुनी जाती रही हैं. यही लोकतंत्र की खूबसूरती ही है कि इन सरकारों ने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर लोकहित को सर्वोपरि रखते हुए कार्य किया.
पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी की सरकार द्वारा 1985 में बनाये गये दल-बदल निरोधक कानून और पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी सरकार द्वारा किये गये संशोधन की भावनाओं तथा जनहित को दरकिनार कर पिछले कुछ समय से लोकतांत्रिक तरीके से चुनी हुई राज्य सरकारों को अस्थिर करने का प्रयास किया जा रहा है.
प्रिय श्री @narendramodi जी, मैं आपका ध्यान राज्यों में चुनी हुई सरकारों को लोकतांत्रिक मर्यादाओं के विपरीत हॉर्स ट्रेडिंग के माध्यम से गिराने के लिए किये जा रहे कुत्सित प्रयासों की ओर आकृष्ट करना चाहूंगा।@PMOIndia pic.twitter.com/SQypkHdBBP
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) July 22, 2020
गहलोत ने अपनी पार्टी के कई नेताओं के नाम गिनाने के साथ-साथ भाजपा पर गंभीर आरोप लगाते हुए लिखा, भंवर लाल शर्मा जैसे वरिष्ठ नेता ने स्वर्गीय भैरा सिंह शेखावत सरकार को भी विधायकों की खरीद-फरोख्त कर गिराने का प्रयास किया गया था. धनराशि तक कई विधायकों तक पहुंच चुकी थी. तब मैंने मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष के नाते तात्कालीन राजस्थान श्री बलिराम भगत एवं प्रधानमंत्री श्री पीवी नरसिंह राव से मिलकर विरोध किया कि इस प्रकार खरीद-फरोख्त कर चुनी हुई सरकार को गिराना लोकतांत्रिक मूल्यों के विरुद्ध है. ऐसे षड्यंत्र आम जनता के साथ धोखा है.
गोहलोत ने बड़ा हमला करते हुए लिखा, मुझे इस बात का हमेशा अफसोस रहेगा कि आज जहां आम जनता के जीवन एवं आजीविका को बचाने की जिम्मदारी केंद्र और राज्य सरकारों की निरंतर बनी हुई है. उसके बीच केंद्र में सत्ता पक्ष कैसे कोरोना प्रबंधन की प्राथमिकता छोड़कर कांग्रेस की राज्य सरकार को गिराने के षड्यंत्र में मुख्य भागीदारी निभा सकता है. गहलोत ने पीएम मोदी से कहा, ऐसे ही आरोप पूर्व में मध्यप्रदेश सरकार गिराने के समय लगे थे और आपकी पार्टी की देशभर में बदनामी हुई थी.
Posted By – Arbind Kumar Mishra