Rajasthan Congress Crisis: सचिन पायलट और अशोक गहलोत के झगड़े को लेकर क्या बोले कांग्रेस नेता शशि थरूर, जानें
Rajasthan Congress Crisis: हर पार्टी में कुछ छोटे गुट होते हैं, लेकिन बड़ी बात यह है कि हम सभी भाजपा के खिलाफ हैं. बड़े मुद्दों की तुलना में ये बहुत छोटी चीजें हैं. जानें क्या बोले कांग्रेस नेता शशि थरूर
Rajasthan Congress Crisis: राजस्थान कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है. यहां सचिन पायलट और सीएम अशोक गहलोत के बीच जारी खींचतान जारी है. इस बीच वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर का बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि हर राजनीतिक पार्टी में थोड़ी बहुत गुटबाजी होती है. नेताओं को व्यापक फलक पर देखने के साथ ही सामूहिक लक्ष्यों पर ध्यान देना चाहिए.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच जारी सत्ता संघर्ष के बीच वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर की यह टिप्पणी आयी है जिसके कई मायने लगाये जा रहे हैं. कांग्रेस नेता थरूर ने राजस्थान की राजधानी जयपुर में लिटरेचर फेस्टिवल से इतर बातचीत में उक्त बातें कही.
हर पार्टी में कुछ छोटे गुट होते हैं
वरिष्ठ कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि क्या भारत में कोई ऐसी अखंड राजनीतिक पार्टी है? क्या भाजपा : भारतीय जनता पार्टी : के भीतर वैचारिक मतभेद नहीं हैं? एक लोकतंत्र में, दो लोगों के भिन्न भिन्न विचार हो सकते हैं, लेकिन यदि आपकी विचारधारा एक है और समान हित के लिए आप लड़ रहे हैं तो पार्टी जो कहती है, वही होता है. उन्होंने कहा कि यह सच्चाई है कि हर पार्टी में कुछ छोटे गुट होते हैं, लेकिन बड़ी बात यह है कि हम सभी भाजपा के खिलाफ हैं. बड़े मुद्दों की तुलना में ये बहुत छोटी चीजें हैं.
सचिन पायलट और अशोक गहलोत आमने-सामने
आपको बता दें कि कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने शुक्रवार को गहलोत पर परोक्ष हमला करते हुए कहा था कि बुजुर्गों को युवा पीढ़ी के बारे में सोचना चाहिए और युवाओं को न्याय मिलना चाहिए. इससे पहले, एक वीडियो सामने आया था जिसमें राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कथित तौर पर कह रहे हैं कि महामारी के बाद पार्टी में “बड़ा कोरोना” घुस गया है. माना जा रहा है कि गहलोत ने कथित तौर पर पायलट की तुलना कोरोना वायरस से की थी.
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मैं कीचड़ में पैर डालने से बचना बेहतर समझता हूं
नेताओं द्वारा एक-दूसरे पर इस प्रकार की छींटाकशी के इतिहास के बारे में एक सवाल के जवाब में थरूर ने अपने सहयोगियों को अपने शब्दों में सावधानी बरतने की सलाह दी है. उन्होंने कहा कि जब हम अपने सहयोगियों के बारे में बात करते हैं तो हमें अपने शब्दों को सोच समझ कर उपयोग में लाने की जरूरत होती है. उन्होंने कहा कि मुझे इस बात का गर्व है कि 14 साल के अपने राजनीतिक जीवन में मैंने कभी किसी के लिए इस प्रकार का कोई शब्द नहीं बोला. एक दो बार, मैंने इतना कहा कि मैं कीचड़ में पैर डालने से बचना बेहतर समझता हूं.
भाषा इनपुट के साथ