Rajasthan Crisis : राजस्थान में जारी कांग्रेस की सियासी संकट पर आलाकमान ने बड़ी कार्रवाई की है. पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कांग्रेस के प्रभारी महासचिव अविनाश पांडे को हटाकर अजय माकन को जिम्मेदारी दी गई है. अजय माकन को पार्टी में ऐसे वक्त में जिम्मेदारी दी गई है, जब कांग्रेस में अंतर्कलह जारी है.
अजय माकन को एक तरफ अशोक गहलोत और सचिन पायलट खेमे के बीच सामंजस्य स्थापित करना है. वहीं विधायकों में उत्पन्न नाराजगी को भी खत्म करने की जिम्मेदारी है. बता दें कि अजय माकन को पार्टी ने पूरे विवाद में राजस्थान भेजा गया था.
पायलट की नाराज़गी का मिला फायदा– अजय माकन को पार्टी महासचिव पद पर नियुक्ति सचिन पायलट की नाराजगी के कारण हुआ है. पायलट ने सबसे पहली मांग महासचिव को हटाने की रखी थी. अजय माकन की नियुक्ति के पीछे राहुल और प्रियंका का विश्वास माना जा रहा है. बता दें कि अजय माकन राहुल गांधी टीम के विश्वसनीय नेता हैं.
झारखंड के रह चुके हैं प्रभारी- अजय माकन झारखंड के प्रभारी रह चुके हैं. उस वक्त राज्य में शिबू सोरेन और कांग्रेस की सरकार थी. माकन को पार्टी विधायकों को टूट से बचाने की जिम्मेदारी दी गई थी, जिसे माकन ने बखूबी निभाया था. वहीं माकन को बाद में केंद्र की मनमोहन सरकार में मंत्री बना दिया गया था.
दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके– अजय माकन दिल्ली कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं. जब 2014 में कांग्रेस बुरी तरह हार गई तो पार्टी ने माकन कोरे जिम्मेदारी दी. हालांकि माकन कोई बड़ा चमत्कार नहीं कर पाए. लेकिन पार्टी के एक धरा के मुताबिक कांग्रेस का वोट प्रतिशत माकन के नेतृत्व में जरूर बढ़ा.
राहुल के अध्यक्ष पद से हटने के बाद थे साइड लाइन- बता दें कि राहुल गांधी के अध्यक्ष पद से हटने के बाद ही अजय माकन को साइड लाइन चल रहे थे, जिसके बाद अब उन्हें यह महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गई है. बताया जा रहा है कि माकन की नियुक्ति के पीछे राहुल गांधी की टीम की फिर से वापसी के तौर पर देखा जा रहा है.
Posted by : Avinish Kumar Mishra