Rajasthan Political Crisis : राजस्थान में जारी सियासी उठापटक के बीच अशोक गहलोत और सचिन पायलट सहित सबकी नजर हाईकोर्ट की ओर है. हाईकोर्ट सचिन पायलट के समर्थित विधायकों की याचिका पर सुनवाई शुरू हो गई है, सुनवाई के बाद कोर्ट फैसला सुना सकती है. बता दें कि हाईकोर्ट में सचिन पायलट गुट ने विधायकी समाप्त करने वाले नोटिस के खिलाफ याचिका दायर की है. सुनवाई के दौरान स्पीकर की ओर से पक्ष रहे वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि स्पीकर के नोटिस आदेश पर स्टे नहीं लगाना चाहिए. सिंघवी ने कहा कि सभी को अलग-अलग नोटिस गया है. ऐसे में सब का समस्या अलग-अलग हैं सकती है. वहीं कोर्ट में 2 बजे के बाद आगे की सुनवाई होगी.
इससे पहले, शुक्रवार को हुई सुनवाई में पायलट की ओर से पेश वकील हरीश साल्वे ने कहा कि सचिन पायलट और उनके समर्थित विधायकों ने कोई व्हिप का उल्लघंन नहीं किया है, ऐसे में ये नोटिस अवैध है. साल्वे ने पायलट की ओर से कहा कि सीएम के खिलाफ बोलना उनका राइट टू फ्रीडम का अधिकार है, जिसे दबाया नहीं जा सकता है.
स्पीकर ने जारी किया है नोटिस- बता दें कि राजस्थान में राजनीतिक संकट के बाद विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी ने बागी विधायकों को नोटिस जारी किया है. विधायकों को यह नोटिस सदस्यता समाप्त करने को लेकर जारी किया गया था, जिसके बाद पायलट गुट ने इसे अवैध बताते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी.
15 दिन से जारी है उठापटक- राजस्थान में सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी में करीब 15 दिनों से उठापटक जारी है. राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट अपने विधायकों के साथ अचानक राजस्थान से निकल गए, जिसके बाद सरकार पर खतरा मंडराने लगा. हालांकि सीएम गहलोत ने अपने आवास पर सभी विधायकों की बैठक बुलाई और मीडिया के सामने दावा किया कि उनके पास 109 विधायकों का समर्थन प्राप्त है.
सीटों का गणित- राजस्थान में विधानसभा की 200 सीट है. सरकार बनाने के लिए 101 विधायक की जरूरत है. राजस्थान में वर्तमान में कांग्रेस ने 102 विधायकों की सूची राज्यपाल को सौंपी है. यानी पार्टी के पास निर्दलीय, बीटीपी, सीपीएम को मिलाकर कुल 102 विधायक है. वहीं बताया जा रहा है कि सचिन पायलट गुट के पास 3 निर्दलीय विधायक सहित 22 विधायक है, जबकि बीजेपी गठबंधन के पास 75 विधायक है. ऐसे में मामला करीबी होने के कारण कांग्रेस हाईकमान कोई रिस्क नहीं लेना चाहती है.
Posted By : Avinish Kumar Mishra