OBC Reservation: राजस्थान में ओबीसी आरक्षण 27% करने की मांग, कांग्रेस MLA ने सीएम गहलोत को लिखा पत्र
राजस्थान में ओबीसी आरक्षण को 27 प्रतिशत करने की मांग करते हुए कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी ने कोर्ट के फैसले का उदाहरण दिया. उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लिखे पत्र में कहा, राज्य में ओबीसी वर्ग की जनसंख्या करीब 50 प्रतिशत से भी अधिक है.
राजस्थान में एक बार फिर से ओबीसी आरक्षण बढ़ाने की मांग तेज होती जा रही है. पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी ने ओबीसी आरक्षण को 21 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत करने की मांग की है.
आरक्षण की मांग के लिए कांग्रेस विधायक ने संविधान संशोधन का दिया हवाला
राजस्थान में ओबीसी आरक्षण को 27 प्रतिशत करने की मांग करते हुए कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी ने कोर्ट के फैसले का उदाहरण दिया. उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को लिखे पत्र में कहा, राज्य में ओबीसी वर्ग की जनसंख्या करीब 50 प्रतिशत से भी अधिक है. राज्य सरकार की सेवाओं में ओबीसी वर्ग का आरक्षण मात्र 21 प्रतिशत ही है. विभिन्न विसंगतियों के कारण यह और भी कम हो जाता है. उन्होंने आगे कहा, 2019 में 103वें संविधान संशोधन के तहत आर्थिक पिछड़ा वर्ग को 10 प्रतिशत आरक्षण देते समय अधिकतम आरक्षण की बाध्यता समाप्त कर दी गयी. जिसकी मान्यता सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों की पीठ ने 7 नवंबर 2022 को दे दी.
कांग्रेस विधायक ने इन राज्यों का दिया उदाहरण
कांग्रेय विधायक हरीश चौधरी ने ओबीसी आरक्षण बढ़ाने की मांग के लिए कुछ राज्यों का भी उदाहरण दिया. उन्होंने अपने पत्र में लिखा, छत्तीसगढ़, झारखंड, तमिलनाडु और मध्य प्रदेश ने जनसंख्या को आधार मानकर ओबीसी वर्ग के आरक्षण को बढ़ा दिया है.
Rajasthan | Former minister and current Congress MLA Harish Chowdhary has written to CM Ashok Gehlot, demanding to increase OBC reservation from 21% to 27% pic.twitter.com/W7UgB7qUcR
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) February 14, 2023
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार कांग्रेस विधायक ने ओबीसी आरक्षण बढ़ाने की मांग की
कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी ने ओबीसी आरक्षण बढ़ाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का भी हवाला दिया. उन्होंने अपने पत्र में लिखा, केंद्रीय सेवाओं की तर्ज पर और सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुरूप राजस्थान में भी जनसंख्या के अनुसार ओबीसी वर्ग का आरक्षण 21 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत किया जाए. जिससे इस वर्ग को न्याय मिल सके.