Rajasthan: राजस्थान की राजनीति इन दिनों चर्चा का विषय बनी हुई है. राजस्थान में कांग्रेस के भीतर हुआ घमासान अभी भी जारी है. कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव के लिए जब से अशोक गहलोत ने नामांकन भरने की घोषणा की थी, तभी से राज्य में मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर विवाद शुरू हुआ. विवाद के बीच जहां गहलोत समर्थक विधायकों ने अपना इस्तीफा सौंप दिया वहीं अब विधायकों का लगातार बयान आ रहा है.
सीएम को जानकारी दिए बिना बैठक बुलाना गलत
राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को इस्तीफा देने वाली कांग्रेस विधायक प्रीति शक्तावत का बड़ा बयान आया है. अपने बयान में उन्होंने कहा है कि मंत्री शांति धारीवाल के घर बुलाई गई बैठक को लेकर हमें अंधेरे में रखा गया था. बैठक के विषय के बारे में भी हमें जानकारी नहीं थी. सीएम अशोक गहलोत को जानकारी दिए बिना बैठक बुलाना गलत है. उनके इस बयान से अशोक गहलोत समर्थक विधायकों में भी विवाद की एक बीज दिख रहा है.
विधायक दल की बैठक के लिए हमें जयपुर बुलाया गया था
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मीडिया से बात करते हुए विधायक प्रीति शक्तावत ने कहा कि विधायक दल की बैठक को लेकर हमें रविवार को जयपुर बुलाया गया था. कुछ नेताओं ने कई बार कॉल कर मंत्री शांति धारीवाल के घर बुलाया. इस कारण हम सब लोग उनके घर चले गए. बाद में पता चला कि बैठक ही गलत तरीके से हो रही है. मंत्री धारीवाल और अन्य नेताओं के कहने पर हमनें इस्तीफा दे दिया. कुछ नेताओं की गलती के कारण मुख्यमंत्री को कांग्रेस अध्यक्ष सोनियां गांधी से माफी माफी मांगनी पड़ी हैं, जबकि उनकी कोई गलती ही नहीं थी.
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कांग्रेस आलाकमान जो भी फैसला लेगा हम मानेंगे
साथ ही उन्होंने जानकारी दी कि वह अपना इस्तीफा वापस लेगी. विधायक शक्तावत ने कहा कि मानेसर गए विधायकों को बार-बार गद्दार कहने पर मुझे रोना आ गया था. विधायक प्रीति शक्तावत ने कहा कि हो सकता है अपनी मांगों को लेकर ऐसा करना जरूरी हो गया हो. साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस आलाकमान जो भी फैसला लेगा उसे हम सभी मानेंगे.