Rajasthan Crisis: राज्यपाल कलराज मिश्र का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से 6 सवाल, आप भी जानें…
जयपुर : एक नाटकीय घटनाक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने राज्यपाल कलराज मिश्र (Kalraj mishra) से मुलाकार कर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की. वहीं उनके समर्थन में कांग्रेसी विधायकों ने राजभवन परिसर में जमकर नारेबाजी की और कई घंटे तक धरना दिया. इसके बाद मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक तौर पर कहा कि अगर राजस्थान (Rajansthan Crisis) की जनता राजभवन का घेराव करती है तो मेरी कोई जिम्मेवार नहीं होगी.
जयपुर : एक नाटकीय घटनाक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने राज्यपाल कलराज मिश्र (Kalraj mishra) से मुलाकार कर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मांग की. वहीं उनके समर्थन में कांग्रेसी विधायकों ने राजभवन परिसर में जमकर नारेबाजी की और कई घंटे तक धरना दिया. इसके बाद मुख्यमंत्री ने सार्वजनिक तौर पर कहा कि अगर राजस्थान (Rajansthan Crisis) की जनता राजभवन का घेराव करती है तो मेरी कोई जिम्मेवार नहीं होगी.
मुख्यमंत्री के इस बात को राज्यपाल ने गंभीरता से लिया और गहलोत को चिट्ठी लिख डाली. उन्होंने कहा कि जहां राज्यपाल की सुरक्षा की जिम्मेवारी सरकार नहीं ले सकती तो उस राज्य में कानून व्यवस्था की क्या स्थिति होगी. उन्होंने कहा कि जबतक मैं विधानसभा सत्र के बारे में निर्णय लेता उससे पहले ही मुख्यमंत्री का सार्वजनिक मंच से ऐसा बयान ठीक नहीं है.
राज्यपाल कलराज मिश्र ने मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखा और कहा, ‘इससे पहले कि मैं विधानसभा सत्र के संबंध में विशेषज्ञों से चर्चा करता, आपने सार्वजनिक रूप से कहा कि यदि राजभवन घेराव होता है तो यह आपकी जिम्मेदारी नहीं है.’ आगे उन्होंने कहा, यदि आप और आपका गृह मंत्रालय राज्यपाल की सुरक्षा नहीं कर सकता तो राज्य में कानून और व्यवस्था का क्या होगा? राज्यपाल की सुरक्षा के लिए किस एजेंसी से संपर्क किया जाना चाहिए? मैंने कभी किसी सीएम का ऐसा बयान नहीं सुना. क्या यह एक गलत प्रवृत्ति की शुरुआत नहीं है, जहां विधायक राजभवन के अंदर विरोध प्रदर्शन करते हैं?’
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राज्यपाल कलराज मिश्र ने आगे कहा, ‘दवाब की राजनीति नहीं होनी चाहिए. संवैधानिक मर्यादा के ऊपर कोई नहीं है.’ आपको बता दें कि अपने समर्थित विधायकों को अपने साथ लेकर आज मुख्यमंत्री गहलोत राजभवन पहुंच गये और विधानसभा की विशेष सत्र बुलाने की मांग करने लगे. इसपर राज्यपाल ने कहा कि वह विशेषज्ञों से चर्चा कर कुछ समय बाद इसपर फैसला लेंगे. उसके बाद बाहर आकर मुख्यमंत्री ने एक्त बयान दिया. बाद में विधायकों ने धरना समाप्त किया और मुख्यमंत्री ने आपातकालीन कैबिनेट की बैठक बुलायी.
राज्यपाल कलराज मिश्रा के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से 6 सवाल
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विधानसभा सत्र को किस तिथि से आहूत किया जाना है, इसका उल्लेख कैबिनेट नोट में नहीं है और न ही कैबिनेट द्वारा कोई अनुमोदन प्रदान किया गया है.
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अल्प सूचना पर सत्र बुलाये जाने का न तो कोई औचित्य प्रदान किया गया है और न ही कोई एजेंडा प्रस्तावित किया गया है. सामान्य प्रक्रिया में सत्र आहूत किये जाने के लिए 21 दिन का नोटिस दिया जाना आवश्यक होता है.
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राज्य सरकार को यह भी सुनिश्चित किये जाने के निर्देश दिये गये हैं कि सभी विधायकों की स्वतंत्रता एवं उनका स्वतंत्र आवागमन भी सुनिश्चित किया जाए.
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कुछ विधायकों की निर्योग्यता का प्रकरण उच्च न्यायालय व सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन है. उसका संज्ञान भी लिया जाए. कोरोना के राजस्थान राज्य में वर्तमान परिपेक्ष्य में तेजी से फैलाव को देखते हुए किस प्रकार से सत्र आहूत किया जायेगा?
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प्रत्येक कार्य के लिए संवैधानिक मर्यादा और सुसंगत नियमावलियों में विहित प्रावधानों के अनुसार ही कार्यवाही की जाए.
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राज्य सरकार का बहुमत है तो विश्वास मत प्राप्त करने हेतु सत्र आहूत करने का क्या औचित्य है?
इधर, अशोक गहलोत कैबिनेट की बैठक शुक्रवार रात यहां मुख्यमंत्री निवास में शुरू हुई. पाटी सूत्रों के अनुसार बैठक में विधानसभा सत्र बुलाये जाने की कैबिनेट के प्रस्ताव पर राजभवन द्वारा उठाये गये बिंदुओं पर चर्चा हो रही है. राजभवन ने छह बिंदुओं पर जवाब मांगा है.
Posted by: Amlesh Nandan Sinha.