Rajasthan Day 2022 : वीरता, दृढ़ता और बलिदान का प्रतीक है राजस्थान, स्थापना दिवस पर जानिए रोचक बातें…
Rajasthan sthapna diwas 2022: इतिहासकारों के अनुसार, राजस्थान का अस्तित्व प्रागैतिहासिक काल से ही बना हुआ है. इस रेगिस्तानी प्रदेश में चौहान, मेवाड़ और गहलोत राजवंशों का शासन रहा है.
जयपुर : आज राजस्थान का स्थापना दिवस (Rajasthan day 2022) है. आज ही के दिन 30 मार्च 1949 को राजस्थान की जोधपुर, जयपुर, जैसलमेर और बीकानेर रियासतों को मिलाकर वृहत्तर राजस्थान संघ की स्थापना की गई है. इसके बाद ही, एक नए राजस्थान का उदय हुआ. चूंकि, 30 मार्च को चार रियासतों को मिलाकर नए राजस्थान का उदय हुआ था, इसलिए आज के दिन इसका स्थापना दिवस मनाया जाता है. आइए जानते हैं इस राजस्थान से जुड़ी कुछ रोचक बातें…
कभी मत्स्य राज्य के नाम से जाना जाता था राजस्थान
आपको बताते चलें कि आज का राजस्थान कभी मत्स्य राज्य के तौर पर जाना जाता था. हालांकि, इसके पहले शासक मौर्य राजवंश के संस्थापक चंद्रगुप्त मौर्य माने जाते थे. चंद्रगुप्त मौर्य का साम्राज्य मगध से लेकर अफगानिस्तान और फारस की सीमा से लेकर पूरे भारतीय उप-महाद्वीप में था. लेकिन, इतिहासकारों की मानें तो राजस्थान के पहले शासक चाहमान के राजा वासुदेव थे.
राजस्थान का ऐतिहासिक महत्व
इतिहासकारों के अनुसार, राजस्थान का अस्तित्व प्रागैतिहासिक काल से ही बना हुआ है. इस रेगिस्तानी प्रदेश में चौहान, मेवाड़ और गहलोत राजवंशों का शासन रहा है. जयपुर, बूंदी, मेवाड़, मारवाड़, कोटा, भरतपुर और अलवर बड़ी रियासतें हुआ करती थीं. इन सभी रियासतों ने ब्रिटिश शासन की अधीनता स्वीकार कर ली थी. आजादी के बाद जब रियासतों का विलय होना शुरू हुआ तो बड़ी रियासतों जैसे जोधपुर, बीकानेर, जयपुर और जैसलमेर को मिलाकर वृहत्तर राजस्थान बना. साल 1958 में आधिकारिक तौर पर मौजूदा राजस्थान राज्य वुजूद में आया. उस वक्त अजमेर, आबू रोड तालुका एवं सुनल तप्पा रियासतों ने भी राजस्थान में विलय किया.
राजस्थान में ही है थार रेगिस्तान
भारत के स्कूलों में पढ़ाए जाने वाले भूगोल विषय में हमेशा इस बात का जिक्र मिलता है कि थार रेगिस्तान का सबसे ज्यादा हिस्सा राजस्थान में पड़ता है. इसका कुछ भाग हरियाणा, पंजाब एवं गुजरात के कच्छ के रण तक पाया जाता है. थार रेगिस्तान पाकिस्तान के सिंध प्रांत एवं पाकिस्तानी पंजाब के कुछ हिस्से तक भी फैला हुआ है. थार रेगिस्तान के प्रसिद्ध ऊंट सफारी पर सवारी करना पर्यटकों के लिए काफी पसंदीदा है.
राजस्थान लोक नृत्य
राजस्थान में लोक नृत्यों के कई रूप है, जो आकर्षक, निपुण एवं मजेदार है. पूरे विश्व में राजस्थानी लोक नृत्य लोकप्रिय है. उदयपुर से घूमर नृत्य एवं जैसलमेर के कालबेलियानृत्य ने अंतरराष्ट्रीय प्रसिद्घि प्राप्त की है. चांग, तेरहताली, कठपुतली, घिन्द आदि पारंपरिक राजस्थानी संस्कृति के उदाहरण है. कठपुतली, घूमर, कालबेलिया नृत्य पर्यटकों को आकर्षित करते हैं.
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स्थापना दिवस का मुख्य उद्देश्य
राजस्थान के स्थापना दिवस 2022 का मुख्य उद्देश्य इसकी विरासत को सुरक्षित करना, लोगों को जागरूक करना और इसके महत्व को बताना है. आज ही के दिन 30 मार्च 1949 को राजस्थान की जोधपुर, जयपुर, जैसलमेर और बीकानेर रियासतों को मिलाकर वृहत्तर राजस्थान संघ की स्थापना की गई थी. इसलिए आज राजस्थान स्थापना दिवस मनाया जाता है.