Rajasthan News: राजस्थान में एक साल बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के पहले प्रदेश में सियासी पारा चढ़ने लगा है. एक ओर जहां बीजेपी में अंदरूनी कलह की खबरें जोर पकड़ रही है, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के अंदर भी गुटबाजी का दौर जारी है. इन सबके बीच, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के एक ताजा बयान ने राजनीतिक अटकलों को और बढ़ा दिया है.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को जयपुर में कहा कि मैं मुख्यमंत्री जब से बना हूं, तब से मेरा इस्तीफा सोनिया गांधी जी के पास है. गहलोत ने कहा कि मुख्यमंत्री बदलने की बात आनी नहीं चाहिए. जब मुख्यमंत्री बदलना होगा, तब कानों कान किसी को खबर नहीं होगी. अशोक गहलोत ने मीडिया से बातचीत करते हुए उक्त बातें कहीं. अब उनके इस बयान को लेकर अटकलों का बाजार गरम होने लगा है. इस बयान के ज्यादा मायने इसलिए भी निकाले जा रहे हैं, क्योंकि हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की सचिन पायलट से मुलाकात हो चुकी है. सचिन पालयट ने बताया था कि 2023 में राजस्थान में फिर कांग्रेस की सरकार बने, इस पर सोनिया गांधी के साथ मंथन हुआ.
इधर, सियासी गलियारों में चर्चा जोर पकड़ रही है कि अशोक गहलोत, प्रशांत किशोर के प्लान के तहत गैर गांधी परिवार के कांग्रेस अध्यक्ष बनाए जा सकते है या वे चुनाव संचालन का जिम्मा संभालने वाला उपाध्यक्ष बन जाएं. ऐसा होने पर सचिन पायलट को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है. शनिवार को मीडिया से चर्चा के दौरान अशोक गहलोत ने इस बात का जिक्र भी किया कि समय-समय पर उनके इस्तीफे की खबर सुर्खियां बनती हैं. उन्होंने बताया कि मेरा इस्तीफा तो हमेशा से सोनिया गांधी के पास रखा है. वे कोई भी फैसला लेने के लिए स्वतंत्र हैं. मैं तो यही अपील करता हूं कि इन अफवाहों को आप हवा ना दें.
वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से आज दिए गए बयान पर राजस्थान बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि अब पता चला कि राजस्थान का शासन इतना खराब क्यों है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद स्वीकार कर रहे कि उनका इस्तीफा सोनिया गांधी के पास है. सतीश पूनिया ने कहा कि जिस तरह से 2018 में कांग्रेस की सरकार आने से राज्य की जनता भ्रमित हुई, 2023 में राजस्थान के लोग इस भ्रम को दूर करेंगे.