Rajasthan Crisis : राजस्थान में जारी सियासी संकट के बीच सीएम अशोक गहलोत ने पायलट गुट को एक बड़ा झटका दिया है. गहलोत सरकार ने न्यायिक सेवा में एमबीसी को पांच फ़ीसदी आरक्षण देने का फैसला किया है, इसके लेकर कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है. बताया जा रहा है कि पायलट से राजनीतिक जंग में गहलोत ने का यह फैसला राजनीतिक गेम चेंजर साबित हो सकता है.
एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की पहल पर गुर्जरों सहित अति पिछड़ा वर्ग (एमबीसी) के अभ्यर्थियों को राजस्थान न्यायिक सेवा में एक प्रतिशत के स्थान पर पांच प्रतिशत आरक्षण देने के लिए राजस्थान न्यायिक सेवा नियम, 2010 में संशोधन को राज्य कैबिनेट से मंजूरी मिल गयी है.
कौन कौन हैं शामिल- कैबिनेट प्रस्ताव के मुताबिक आरक्षण से इससे गुर्जर, रायका-रैबारी, गाडिया-लुहार, बंजारा, गडरिया आदि अति पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को राजस्थान न्यायिक सेवा में नियुक्ति के अधिक अवसर मिलना संभव होगा. बताया जा रहा है कि पायलट के साथ राजनीतिक विवाद के बाद गहलोत गुर्जर एक बढ़ते नाराजगी को देखते हुए यह फैसला किया है.
14 अगस्त को शुरू होगा सत्र– बता दें कि राजस्थान विधानसभा का सत्र 14 अगस्त से शुरू हो जाएगा. विधानसभा सत्र बुलाने को लेकर पहले ही राज्यपाल और सीएम अशोक गहलोत के बीच तकरार हो चुका है. माना जा रहा है कि सरकार इस सत्र में बहुमत भी साबित कर सकती है. वहीं कांग्रेस ने सत्र से पहले अपने सभी विधायकों की बाड़ेबंदी करते हुए उन्हें जैसलमेर के एक रिजॉर्ट में भेज दिया है.
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ये है सीटों का गणित– राजस्थान में विधानसभा की 200 सीट है. किसी भी दल को सरकार बनाने के लिए 101 विधायक की जरूरत है. राजस्थान में वर्तमान में कांग्रेस ने 102 विधायकों की सूची राज्यपाल को सौंपी है. यानी पार्टी के पास निर्दलीय, बीटीपी, सीपीएम को मिलाकर कुल 102 विधायक है. वहीं बताया जा रहा है कि सचिन पायलट गुट के पास 3 निर्दलीय विधायक सहित 22 विधायक है, जबकि बीजेपी गठबंधन के पास 75 विधायक है.
Poosted By : Avinish Kumar Mishra