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Political crisis in Rajasthan : क्या पायलट को राजस्थान के बाहर का रास्ता दिखाकर ही मानेंगे गहलोत ?

Political crisis in Rajasthan : राजस्थान में जारी पॉलिटिकल ड्रामे का अभी अंत नहीं हुआ है. राजनीतिक जोड़तोड़ में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने डिप्टी सीएम रहे सचिन पायलट को सूबे की राजनीति से बाहर का रास्ता दिखाने के प्रयास में हैं. हालांकि वे अपने मंसूबे में कामयाब हो पाते हैं या नहीं…यह आने वाला वक्त बताएगा. इ

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 18, 2020 1:16 PM

Political crisis in Rajasthan : राजस्थान में जारी पॉलिटिकल ड्रामे का अभी अंत नहीं हुआ है. राजनीतिक जोड़तोड़ में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने डिप्टी सीएम रहे सचिन पायलट को सूबे की राजनीति से बाहर का रास्ता दिखाने के प्रयास में हैं. हालांकि वे अपने मंसूबे में कामयाब हो पाते हैं या नहीं…यह आने वाला वक्त बताएगा. इस बीच कांग्रेस की कार्रवाई के बाद पायलट को लगातार मुश्किलों से दो-चार होना पड रहा है. उनके पांच विश्वस्त विधायकों ने कन्नी काट ली है. दरअसल, तीन दिन पहले तक अपने साथ 30 विधायकों का समर्थन होने का दावा करने वाले पायलट के पास अब सिर्फ 25 विधायक शेष हैं.

इन्होंने छोडा साथ : पायलट का साथ छोड़ने वालों में परिवहन मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास, विधायक दानिश अबरार, चेतन डूडी, रोहित बोहरा व प्रशांत बैरवा का नाम शामिल हैं. ये वो नाम हैं जो पिछले साढ़े छह साल से पायलट के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे थे. राजनीतिक जानकारों की मानें तो पायलट के कारण ही इन्हें पार्टी ने टिकट दिया था और मंत्री बनाया था. खाचरियावास की बात करें तो वे पिछले सप्ताह तक पायलट के खास हुआ करते थे जबकि अन्य चारों विधायक रविवार को दिल्ली जाकर पायलट कैंप से वापस गहलोत खेमे में शामिल हो गये.

पायलट के साथ ये पच्चीस : ताजा घटनाक्रम पर नजर डालें तो पायलट के पास कांग्रेस विधायकों की संख्या 19 हो चुकी है जबकि तीन निर्दलीय का समर्थन उनके पास है. भारतीय ट्राइबल पार्टी के दो और माकपा के एक विधायक ने भी पायलट पर भरोसा जता रहे हैं. इस प्रकार पायलट के समर्थक विधायकों की संख्या 25 हो गई.

गहलोत लगातार हमलावर: सूबे के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खुलकर पायलट पर तीन दिन तक हमला किया. हालांकि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व यह चाहता है कि पायलट फिर से पार्टी में शामिल हो जाएं. इसके लिए राहुल गांधी, प्रियंका गांधी के साथ-साथ कई नेता लगे हुए हैं. आपको बता दें कि लगातार जारी कयासों के बीच सचिन पायलट यह स्पष्ट कह चुके हैं कि वे भाजपा का दामन नहीं थामेंगे.

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भाजपा भी हमलावर : राजस्थान में सरकार को गिराने एवं पार्टी तोड़ने का प्रयास करने के कांग्रेस के आरोपों को खारिज करते हुए भाजपा ने शनिवार को कहा कि सारा षड्यंत्र उन्हीं के घर में रचा जा रहा था. पार्टी ने कहा कि संवैधानिक प्रावधानों को ताक पर रखकर फोन टैंपिंग किए जाने सहित विभिन्न प्रकरण की सीबीआई से जांच कराई जानी चाहिए. भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा, राजस्थान में कांग्रेस की राजनीतिक नौटंकी हम देख रहे हैं.

Posted By : Amitabh Kumar

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