जयपुर : राजस्थान सियासी संकट के बीच राज्यपाल कलराज मिश्र ने अशोक गहलोत सरकार को विधानसभा सत्र बुलाने की अनुमति दे दी है. लेकिन राज्यपाल ने इसके लिए कुछ जरूरी शर्तें भी रख दी हैं.
राजभवन की ओर से जारी निर्देश के अनुसार राज्यपाल कलराज मिश्र ने सरकार को निर्देश दिया है कि विधानसभा का सत्र 21 दिनों का क्लीयर नोटिस देकर बुलाया जाए. जिससे भारतीय संविधान के अनुछेद 14 के अंतर्गत प्राप्त मौलीक अधिकारों का सभी को समान रूप से अवसर मिल सके, यह सुनिश्चित हो. सत्र ऑनलाइन बुलाया जाए, ताकी कोविड – 19 के संक्रमण से बचा जा सके.
राज्यपाल ने सत्र के दौरान सामाजिक दूरी का पालन करने का भी स्पष्ट निर्देश दिया और कहा, यह भी स्पष्ट किया जाए कि यदि विधानसभा सत्र आहूत किया जाता है तो सत्र के दौरान सामाजिक दूरी का पालन किस प्रकार किया जाएगा. क्या ऐसी कोई व्यवस्था है जिसमें 200 विधायक और 1000 से अधिक अधिकारियों के जमा होने पर भी संक्रमण का कोई खतरा न हो. अगर उनमें से किसी एक को भी कोरोना का संक्रमण है तो अन्य को फैलने से कैसे रोका जाए.
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इसके अलावा राज्यपाल ने यह भी निर्देश दिया कि अगर सत्र के दौरान विश्वासमत हासिल करने की नौबत आती है तो ऐसी परिस्थिति में सारे कार्य संसदीय कार्य विभाग के प्रमुख सचिव की उपस्थिति में की जाए. साथ ही पूरी कार्यवाही की वीडिया रिकॉर्डिंग करायी जाए. इसके अलावा विश्वास मत के लिए तो वोटिंग कराया जाए उसमें हां या न के बटन के साथ ही कराया जाए. इसके अलावा राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि विश्वास मत का लाइव प्रसारण किया जाए.
Rajasthan Governor asks State Government to deliberate on three aspects- 21-day notice period before convening session, maintaining social distancing norms and certain conditions to be followed, in case confidence motion is moved. pic.twitter.com/oUQ0648wTd
— ANI (@ANI) July 27, 2020
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत लगातार राज्यपाल से विधानसभा सत्र बुलाने की मांग कर रहे थे. इसको लेकर राजसभा की ओर से आदेश नहीं मिलने पर गहलोत सरकार ने राष्ट्रपति भवन जाने और प्रधानमंत्री आवास के बाहर प्रदर्शन की भी धमकी दे दी थी.
Posted By – Arbind Kumar Mishra