जयपुर : राजस्थान उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को भाजपा के एक विधायक की उस याचिका पर आगे की सुनवाई शुरू की, जिसमें उन्होंने बसपा के छह विधायकों के कांग्रेस में विलय के खिलाफ उनकी शिकायत को खारिज करने के विधानसभाध्यक्ष के निर्णय को चुनौती दी है.
हाईकोर्ट ने सुनवाई करते हुए बसपा के छह विधायकों और विधानसभा अध्यक्ष को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने उन्हें 11 अगस्त तक जवाब दाखिल करने को कहा है. मालूम हो भाजपा विधायक मदन दिलावर ने इस विलय के खिलाफ एक शिकायत विधानसभाध्यक्ष सी पी जोशी के समक्ष इस वर्ष मार्च में दायर की थी, जिसे उन्होंने 24 जुलाई को खारिज कर दिया.
दिलावर ने तब विधानसभाध्यक्ष के निर्णय को चुनौती देते हुए एक रिट याचिका उच्च न्यायालय में दायर की. उन्होंने आरोप लगाया है कि विधानसभाध्यक्ष ने उनकी शिकायत पर निर्णय करते समय उनका पक्ष नहीं सुना.
न्यायमूर्ति महेंद्र कुमार गोयल की एक पीठ ने बुधवार को उनकी याचिका पर सुनवायी शुरू की थी लेकिन यह पूरी नहीं हो पायी थी. पीठ ने बृहस्पतिवार को आगे की सुनवायी शुरू की.
Rajasthan High Court issues notice to Speaker & Secretary of the Legislative Assembly, and 6 BSP MLAs in connection with the merger of the BSP MLAs with Congress party, in the state. The Court asks them to file reply by 11th August.
— ANI (@ANI) July 30, 2020
मालूम हो उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने जब अपने राजस्थान के विधायकों को लेकर व्हिप जारी किया था, तब सभी 6 विधायकों ने कहा था कि वो कांग्रेस में हैं. उन सभी का कांग्रेस में विलय हो गया है. मायावती पर आरोप लगाते हुए बसपा विधायकों ने कहा था कि उन्हें अब उनकी याद आ रही है.
गौरतललब है कि राजस्थान में सियासी संकट अभी खत्म नहीं हुआ है. राज्य के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से नाराज चल रहे हैं और उन्होंने अपने समर्थक 18 अन्य विधायकों के साथ मार्चा खोल दिया है. अशोक गहलोत ने पार्टी विरोधी गतिविधि का आरोप लगाते हुए सचिन पायलट को उप मुख्यमंत्री पद से हटा दिया. सचिन और उनके गुट के अन्य 18 विधायकों को अयोग्य ठहराने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई जारी है.
Posted By – Arbind Kumar Mishra