Rajasthan political Crisis: राजस्थान के सियासी संकट में कूदी मायावती, राज्यपाल से की यह मांग

बसपा प्रमुख मायावती ने राजस्थान में चल रही सियासी उठापठक के बीच शनिवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा और कहा कि राज्यपाल कलराज मिश्र को राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करनी चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि गहलोत ने पहले बसपा के विधायकों को ‘दगाबाजी करके' कांग्रेस में शामिल कराया और अब फोन टैपिंग कराकर असंवैधानिक काम किया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 18, 2020 2:22 PM

बसपा प्रमुख मायावती ने राजस्थान में चल रही सियासी उठापठक के बीच शनिवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा और कहा कि राज्यपाल कलराज मिश्र को राज्य में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करनी चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि गहलोत ने पहले बसपा के विधायकों को ‘दगाबाजी करके’ कांग्रेस में शामिल कराया और अब फोन टैपिंग कराकर असंवैधानिक काम किया है.

मायावती ने ट्वीट किया, ‘‘जैसा कि विदित है कि राजस्थान के मुख्यमंत्री गहलोत ने पहले दल-बदल कानून का खुला उल्लंघन व बसपा के साथ लगातार दूसरी बार दगाबाजी करके पार्टी के विधायकों को कांग्रेस में शामिल कराया और अब जग-जाहिर तौर पर फोन टैप कराके इन्होंने एक और गैर-कानूनी व असंवैधानिक काम किया है.

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उन्होंने कहा कि इस प्रकार, राजस्थान में लगातार जारी राजनीतिक गतिरोध, आपसी उठापठक व सरकारी अस्थिरता के हालात का वहां के राज्यपाल को प्रभावी संज्ञान लेकर वहां राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करनी चाहिए, ताकि राज्य में लोकतंत्र की और ज्यादा दुर्दशा न हो.

इधर फोन टेप मामले में बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने कांग्रेस सरकार पर हमला बोला. पात्रा ने कहा कि राजस्थान में सभी का फोन टेप किए जा रहे हैं. कांग्रेस ने राज्य में आपातकाल लगा दिया है‌. बीजेपी ने राजस्थान फोन टेप मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है.

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बीजेपी प्रवक्ता पात्रा ने आरोप लगाया कि सारा षड्यंत्र उन्हीं के घर में रचा जा रहा था और कुछ ऑडियो टेप के माध्यम से आरोप लगाया जा रहा है कि भाजपा, कांग्रेस पार्टी को तोड़ने का प्रयास कर रही है. उन्होंने आगे कहा कि कल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी ने स्वयं मीडिया के सामने आकर कहा है कि 18 महीने से मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के बीच में वार्तालाप नहीं हो रही थी.

हालांकि राजस्थान में जारी पॉलिटिकल ड्रामे का अभी अंत नहीं हुआ है. राजनीतिक जोड़तोड़ में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अपने डिप्टी सीएम रहे सचिन पायलट को सूबे की राजनीति से बाहर का रास्ता दिखाने के प्रयास में हैं. हालांकि वे अपने मंसूबे में कामयाब हो पाते हैं या नहीं…यह आने वाला वक्त बताएगा.इस बीच कांग्रेस की कार्रवाई के बाद पायलट को लगातार मुश्किलों से दो-चार होना पड रहा है. उनके पांच विश्वस्त विधायकों ने कन्नी काट ली है.

Posted By: Pawan Singh

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