नयी दिल्ली : राजस्थान विधानसभा सत्र से पहले सियासी संकट थमने के आसार नजर आने लगे हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि सूत्रों के हवाले से खबर है कि बागी हुए पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट मान गये हैं और उनकी घर वापसी भी हो गयी है.
दरअसल सचिन पायलट सत्र से पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा से मुलाकात की. जिसके बाद ऐसे कयास लगाये जाने लगे हैं. पार्टी सूत्रों के मुताबिक, राहुल एवं प्रियंका से इस मुलाकात में पायलट ने विस्तार से अपना पक्ष रखा और फिर पार्टी के दोनों शीर्ष नेताओं ने उनकी चिंताओं के निदान का भरोसा दिलाया.
On condition of anonymity, leaders supporting Sachin Pilot tell ANI that they are in touch with Congres leadership and the party has assured that issues related to #Rajasthan political situation will be resolved soon.
— ANI (@ANI) August 10, 2020
पायलट से मुलाकात से पहले राहुल गांधी और प्रियंका ने करीब डेढ़ घंटे तक बैठक की. बाद में दोनों राहुल गांधी के आवास से निकले और किसी अन्य स्थान पर जाकर पायलट से मिले. यह मुलाकात विधानसभा सत्र आरंभ होने से कुछ दिनों पहले हुई है और अब राजस्थान में कांग्रेस के भीतर पिछले कुछ हफ्तों से चली आ रही उठापठक थमने की उम्मीद है.
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गौरतलब है कि 14 अगस्त से राजस्थान विधानसभा का सत्र आरंभ होगा जिसमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बहुमत साबित करने का प्रयास करेंगे. मुख्यमंत्री गहलोत के खिलाफ खुलकर बगावत करने और विधायक दल की बैठकों में शामिल नहीं होने के बाद कांग्रेस आलाकमान ने पायलट को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री के पदों से हटा दिया था. बागी रुख अपनाने के साथ ही पायलट कई बार स्पष्ट कर चुके हैं कि वह भाजपा में शामिल नहीं होंगे.
राजस्थान विधानसभा के प्रस्तावित सत्र से कुछ दिनों पहले तेज हुई सियासी हलचल की पृष्ठभूमि में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सोमवार को बैठक की. सूत्रों के मुताबिक, राहुल गांधी के आवास पर कांग्रेस के दोनों नेताओं ने बैठक की. माना जा रहा है कि दोनों ने अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ बगावत करने वाले पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों तथा आगे के कदमों के बारे में चर्चा की.
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री गहलोत के खिलाफ खुलकर बगावत करने और विधायक दल की बैठकों में शामिल नहीं होने के बाद कांग्रेस आलाकमान ने पायलट को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री के पदों से हटा दिया था. बागी रुख अपनाने के साथ ही पायलट कई बार स्पष्ट कर चुके हैं कि वह भाजपा में शामिल नहीं होंगे. उनके समर्थक विधायकों का कहना है कि वे गहलोत के नेतृत्व में काम करने के इच्छुक नहीं हैं. पिछले कई हफ्तों से चल रहे सियासी घटनाक्रम के बीच कांग्रेस ने बार-बार दोहराया है कि अशोक गहलोत सरकार के पास 100 से अधिक विधायकों का समर्थन है और उसके ऊपर कोई खतरा नहीं है.
Posted By – Arbind Kumar Mishra