Rajasthan Politics: अशोक गहलोत सरकार के मंत्री का बयान, पायलट के साथ 80 फीसदी विधायक, मचा हड़कंप
भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान पहुंचने से पहले आंतरिक कलह और बढ़ती नजर आ रही है. बीते दिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट को गद्दार बताया था, जिसके बाद से सचिन समर्थकों के लगातार बयान आ रहे हैं.
राजस्थान की सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस में उथल पुथल जारी है. इस बीच सचिन पायलट का समर्थन करते हुए राज्य के मंत्री राजेंद्र सिंह गुढ़ा ने गुरुवार को एक बयान दिया. उन्होंने कहा कि अगर पायलट को 80 फीसदी विधायकों का समर्थन नहीं मिलता है, तो वे मुख्यमंत्री पद के लिए दावेदारी नहीं करेंगे. गुढा ने यह भी कहा कि पायलट से बेहतर राजस्थान में कोई नेता नहीं है.
#WATCH | Rajasthan: "We will leave our stake if you do not find 80% MLAs with Sachin Pilot… No better politician than him," says State minister RS Gudha (24.11) pic.twitter.com/OrVCPeJyfh
— ANI MP/CG/Rajasthan (@ANI_MP_CG_RJ) November 25, 2022
भारत जोड़ो यात्रा से पहले पार्टी में आंतरिक कलह
भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान पहुंचने से पहले आंतरिक कलह और बढ़ती नजर आ रही है. बीते दिन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट को गद्दार बताया था, जिसके बाद से सचिन समर्थकों के लगातार बयान आ रहे हैं. गहलोत के बयान पर सचिन पायलट ने पलटवार करते हुए कहा था कि इस तरह के बयान वे देते रहते हैं. लेकिन उनका लालन-पालन ऐसी भाषा के इस्तेमाल की अनुमति नहीं देता है. पायलट ने आगे कहा कि राजस्थान में आरोप- प्रत्यारोप का दौर चल रहा है. इससे किसी का कोई उद्देश्य पूरा नहीं होने वाला.
गहलोत के बायन के बाद हाईकमान एक्टीव
अशोक गहलोत केे बयान पर चर्चाओं का बजार गर्म है. इधर, कांगेस हाईकमान भी एक्टीव हो गया है. कांग्रेस सूत्रों की मानें, तो गहलोत के बयान से पायलट खेमा पार्टी से अलग हो सकता है इसलिए पार्टी मामले को सुलझाने में जुटी है. बता दें कि गहलोत ने 2 साल पहले सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों के विद्रोह की घटना को देखते हुए यह बयान दिया है, जिसके बाद से कांग्रेस के अंदर हलचल तेज हो गई है.
पायलट के पास विधायकों का समर्थन नहीं- गहलोत
गौरतलब है कि राजस्थान में 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद से ही अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच तनातनी देखी जा रही है. गहलोत का कहना है कि पायलट के पास अधिकतर विधायकों का समर्थन नहीं है, जबकि पायलट के समर्थकों का कहना है कि अधिकतर विधायक नेतृत्व परिवर्तन चाहते हैं.