राजस्थान सरकार में खेल मंत्री अशोक चांदना पर सोमवार को एक कार्यक्रम के दौरान जूते- चप्पल फेंके गए. दरअसल, चांदना गुर्जर आरक्षण आंदोलन का नेतृत्व करने वाले गुर्जर नेता किरोड़ी सिंह बैंसला की अस्थी विजर्सज कार्यक्रम में पहुंचे थे. इस दौरान गुर्जर समाज सहित दूसरी अति पिछड़ी जाति के लोग बड़ी संख्या में पहुंचकर चांदना का विरोध किया.
आज एक अद्भुत नजारा देखने को मिला 72 शहीदों के मारने के आदेश देने वाले (तत्कालीन मंत्रिमंडल सदस्य) राजेन्द्र राठौड़ साहब के मंच पर आने पर तालिया बजी और जिनके परिवार के लोग आंदोलन में जेल गए उन पर जूते फेंके गए।
T-1— Ashok Chandna (@AshokChandnaINC) September 12, 2022
पवित्र पुष्कर सरोवर में सोमवार को दिवंगत किरोड़ी सिंह बैंसला की अस्थि विसर्जन से पूर्व एक जनसभा का आयोजन किया गया. इस दौरान सरकार में मंत्री शकुंतला रावत व अशोक चंदना, वैभव गहलोत जैसे ही मंच पर पहुंचे, भीड़ में मौजूद लोगों ने शोर शराबा शुरू कर दिया. इस बीच कुछ लोगो ने मंच की तरफ जूते भी उछाले, हालांकि वो किसी को लगे नहीं और मंच से पहले ही गिर गये. इस घटना पर चांदना ने आरोप लगाया कि सचिन पायलट को कार्यक्रम में आमंत्रित नहीं किया गया था, इसलिए उनके समर्थक ऐसा कर रहे हैं. हालांकि पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित किया.
मुझ पर जूता फकवाकर सचिन पायलट यदि मुख्यमंत्री बने तो जल्दी से बन जाए क्योंकि आज मेरा लड़ने का मन नहीं है।
जिस दिन मैं लड़ने पर आ गया तो फिर एक ही बचेगा और यह मैं चाहता नहीं हूँ।
— Ashok Chandna (@AshokChandnaINC) September 12, 2022
इस घटना के बाद मंत्री अशोक चांदना ने ट्वीट करते हुए लिखा, आज एक अद्भुत नजारा देखने को मिला 72 शहीदों के मारने के आदेश देने वाले राजेन्द्र राठौड़ साहब के मंच पर आने पर तालिया बजी और जिनके परिवार के लोग आंदोलन में जेल गए उन पर जूते फेंके गए. जिस मंच पर जूते फेंके गए उस पर शहीदों के परिवारजन बैठे थे कम से कम उनका तो ख्याल कर लेते. उन्होंने लिखा, कर्नल साहब की अंतिम स्मृति को ऐसे कलंकित करने वाले लोग कितना दूर तक जाएंगे यह तो वक्त बताएगा. मुझ पर जूता फकवाकर सचिन पायलट यदि मुख्यमंत्री बने तो जल्दी से बन जाए क्योंकि आज मेरा लड़ने का मन नहीं है. जिस दिन मैं लड़ने पर आ गया तो फिर एक ही बचेगा और यह मैं चाहता नहीं हूँ.
सेना से सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने गुर्जर सहित पांच जाति के लोगों के लिए सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण के लिए राज्य में कई आंदोलनों का नेतृत्व किया था. वह राज्य में गुर्जर समाज के सबसे बड़े नेता माने जाते रहे है. किरोड़ी सिंह बैंसला ने 2009-लोकसभा चुनाव टोंक-सवाईमाधोपुर सीट से भाजपा के टिकट पर लड़ा, लेकिन वह हार गए थे. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले किरोडी बैंसला और उनके बेटे विजय बैंसला भाजपा में शामिल हो गये थे. बता दें कि उनके भाजपा और कांग्रेस के नेताओं से संबंध थे.