राइट टू हेल्थ बिल वापस लेगी राजस्थान की गहलोत सरकार ? जानें मंत्री प्रताप सिंह खचरियावास ने क्या कहा
विधेयक के अनुसार, राज्य के प्रत्येक निवासी को किसी भी "सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थान, स्वास्थ्य देखभाल प्रतिष्ठान और नामित स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों" में "बिना पूर्व भुगतान" के आपातकालीन उपचार और देखभाल का अधिकार होगा.
राइट टू हेल्थ बिल (आरटीएच) को लेकर राजस्थान में हंगामा मचा हुआ है. मामले में राजस्थान सरकार में मंत्री प्रताप सिंह खचरियावास का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि मैं चाहता हूं कि डॉक्टरों की हड़ताल खत्म हो. राइट टू हेल्थ बिल जनता के हित में लाया गया है. सरकार चाहती है कि राजस्थान राइट टू हेल्थ के लिए पहला राज्य बने. हम हड़ताल का समर्थन नहीं करते. अगर सरकार को 4 कदम पीछे हटाने पड़े तो हमें हटाने चाहिए.
आपको बता दें कि राजस्थान के निजी अस्पतालों एवं नर्सिंग होम के चिकित्सकों व सम्बद्ध कर्मचारियों ने राज्य सरकार के ‘स्वास्थ्य का अधिकार’ यानी राइट टू हेल्थ बिल (आरटीएच) विधेयक के विरोध में सोमवार को जयपुर में विशाल रैली निकाली और अपना शक्ति प्रदर्शन किया. इन चिकित्सकों ने राजस्थान सरकार को चेतावनी दी है कि निजी अस्पताल भविष्य में राज्य सरकार की किसी भी चिकित्सा योजना में हिस्सेदार नहीं बनेंगे.
मैं चाहता हूं कि डॉक्टरों की हड़ताल खत्म हो। राइट टू हेल्थ बिल जनता के हित में लाया गया है। सरकार चाहती है कि राजस्थान राइट टू हेल्थ के लिए पहला राज्य बने। हम हड़ताल का समर्थन नहीं करते। अगर सरकार को 4 कदम पीछे हटाने पड़े तो हमें हटाने चाहिए: राजस्थान सरकार में मंत्री प्रताप सिंह… pic.twitter.com/htlMnxt8rP
— ANI_HindiNews (@AHindinews) March 28, 2023
क्या है विधेयक में
वर्तमान में राजस्थान में आम जनता के लिए दो योजनाएं “चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना” और राज्य के कर्मचारियों व पेंशनरों के लिए “राजस्थान सरकार स्वास्थ्य योजना” (आरजीएचएस) चल रही हैं, जिसके तहत सरकार द्वारा निजी अस्पतालों में इलाज के लिए तय नियमों के अनुसार प्रतिपूर्ति की जाती है. विधेयक के अनुसार, राज्य के प्रत्येक निवासी को किसी भी “सार्वजनिक स्वास्थ्य संस्थान, स्वास्थ्य देखभाल प्रतिष्ठान और नामित स्वास्थ्य देखभाल केंद्रों” में “बिना पूर्व भुगतान” के आपातकालीन उपचार और देखभाल का अधिकार होगा.
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क्या कहा डॉ. विजय कपूर ने
निजी अस्पताल एवं नर्सिंग होम सोसायटी के सचिव डॉ. विजय कपूर ने बताया कि बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय किया गया कि राजस्थान के सभी निजी अस्पताल भविष्य में राज्य सरकार की किसी भी योजना (आरजीएचएस एवं चिरंजीवी) में काम नहीं करेंगे. निजी अस्पताल व नर्सिंग होम के संचालकों ने यह फैसला राज्य विधानसभा में पिछले सप्ताह पारित स्वास्थ्य का अधिकार विधेयक को वापस लेने के लिए राज्य सरकार पर दबाव बनाने के लिए किया है.