राजीव गांधी की पुण्यतिथि: 21 मई 1991 पूरा देश स्तब्ध हो गया… करोड़ों लोग सकते में आ गए… जिसने भी यह सुना उसे यकीन नहीं हो रहा था. देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री की हत्या हो गई. जी हां… 21 मई यानी आज के ही दिन राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी. आज पूरा देश उनकी 31 वीं बरसी पर उन्हें श्रद्धांजलि दे रहा है. पीएम मोदी ने भी राजीव गांधी को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि दी. सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी समेत कांग्रेस के कई बड़े नेता ने उनके समाधि स्थल वीर भूमि आकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.
चेन्नई के पास श्रीपेरंबदूर में आज के दिन राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी. देश में आधुनिकता की नींव रखने वाले प्रधानमंत्री को आत्मघाती बम धमाके में उड़ा दिया गया. उनके साथ-साथ अन्य 16 लोग भी उस धमाके में मारे गए थे. बताया जाता है कि राजीव गांधी को फूलों का हार पहनाने के बहाने लिट्टे की एक महिला आतंकी ने अपने शरीर पर बंधे बम से उड़ा दिया.
21 मई 1991 के दिन चेन्नई के पास श्रीपेरंबदूर में राजीव गांधी की बम धमाके में हत्या कर दी गई थी. दरअसल, राजीव गांधी ने श्रीलंका में एलटीटीई के खिलाफ शांति सेना भेजी थी. इस कारण तमिल विद्रोही संगठन लिट्टे (LTTE, लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम) उनसे नाराज चल रहा था. वो राजीव गांधी की हत्या की योजना बना रहा था. जब 1991 में लोकसभा चुनावों के लिए प्रचार अभियान में राजीव गांधी चेन्नई के पास श्रीपेरंबदूर पहुंचे तो लिट्टे ने उन्हें अपना निशाना बना लिया.
21 मई 1991 के दिन चेन्नई के पास श्रीपेरंबदूर में जब राजीव गांधी से लोग मुलाकात कर रहे थे, उसी दौरान उन्हें फूलों का हार पहनाने के बहाने तेनमोजि राजरत्नम नाम की लिट्टे की महिला आतंकी आगे आई. राजीव गांधी के पास आकर महिला ने उनके पांव छूने नीचे झुकी, इसी दौरान उसने अपने कमर में बंधे बम में विस्फोट कर दिया. धमाका इतना जोरदार था कि हमलावर महिला और राजीव गांधी समेत 16 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई.
श्रीपेरंबदूर में जब राजीव गांधी लोगों से मिल रहे थे उसी दौरान एक महिला उनके पास आने की कोशिश कर रही थी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, आतंकी महिला को सुरक्षाकर्मी राजीव गांधी के पास आने से रोक रहे थे. लेकिन, खुद राजीव गांधी ने ही पुलिसकर्मी से कहा कि क्यों रोक रहे हैं, आने दीजिए. शायद यही राजीव गांधी की जिंदगी की सबसे बड़ी गलती साबित हुई. पास आकर महिला ने धमाका कर राजीव गांधी समेत 16 लोगों की जान ले ली.
राजीव गांधी की हत्या में मुख्य रूप में लिट्टे संगठन के समूह के कोर सदस्य शामिल थे. राजीव गांधी पर मिन्हाज मर्चेंट की लिखी किताब ‘राजीव गांधी, इंड ऑफ ए ड्रीम’ के मुताबिक, हत्या के समय दस्ते के पांच सदस्य मौजूद थे. जिनके नाम धनु, शिवरासन, नलिनी, शुभा और हरिबाबू थे. वहीं किताब के मुताबिक विस्फोट के समय एक फोटो क्लिक कर रहे फोटोग्राफर हरिबाबू की धनु के साथ घटनास्थल पर ही मौत हो गई, जबकि अन्य तीन मौके से फरार हो गए. इन 9 हत्यारों में सिर्फ नलिनी को ही पुलिस ने जिंदा गिरफ्तार किया, बाकी की मौत आत्महत्या से हुई.
बता दें, राजीव गांधी हत्याकांड मामले में जिंदा बचे 7 लोगों को दोषी ठहराया गया था. कोर्ट ने सभी को मौत की सजा सुनाई गई थी. हालांकि, साल 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने मौत की सजा को आजीवन कारावास में तब्दील कर दिया था. वहीं, हत्याकांड में दोषी और उम्र कैद की सजा काट रहे एक दोषी एजी पेरारिवलन को सुप्रीम कोर्ट ने रिहा करने का आदेश दिया है. एजी पेरारिवलन बीते 31 सालों से जेल में सजा काट रहे थे.BJP पर जमकर बरसे राहुल गांधी, कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में सरकार पर बोला