चेन्नई : भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड की दोषी नलिनी श्रीहरन को तमिलनाडु सरकार ने पैरोल पर एक महीने के लिए आजाद किया है. तमिलनाडु की सरकार ने बीमारी से ग्रस्त नलिनी श्रीहरन की मां की अपील पर उसे एक महीने के लिए पैरोल देने का फैसला किया है. सरकार ने मद्रास हाईकोर्ट को इस बात की जानकारी दी है.
हालांकि, तमिलनाडु सरकार ने पिछले साल ही मद्रास हाईकोर्ट को बताया था कि उसने राजीव गांधी हत्याकांड के सभी दोषियों की रिहाई के लिए राज्यपाल से सिफारिश की थी. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्या कांड की दोषी नलिनी श्रीहरन करीब 20 साल से अधिक समय से आजीवन कारावास की सजा काट रही है.
बता दें कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या 21 मई 1991 को श्री पेरंबदूर में आयोजित एक चुनावी जनसभा के दौरान एक बम धमाके के जरिए कर दी गई थी. हालांकि, इस हत्याकांड में श्रीलंका में सक्रिय लिट्टे आतंकवादियों का हाथ बताया जा रहा था. इस हत्याकांड में नलिनी श्रीहरन के अलावा उसके पति मुरुगन, सुथिनथिरा राजा उर्फ संथान, एजी पेरारीवलन, रॉबर्ट पायस, जयकुमार और रविचंद्रन को दोषी ठहराया गया है. इन दोषियों में से चार (नलिनी श्रीहरन, संथान, रॉबर्ट पायस और जयकुमार) श्रीलंकाई नागरिक हैं.
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या की साजिश श्रीलंकाई आतंकवादी संगठन लिट्टे (लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम) के सुप्रीमो प्रभाकरण ने रची थी. प्रभाकरण ने बेबी सुब्रमण्यम, मुथुराजा, मुरुगन और शिवरासन के साथ मिलकर राजीव गांधी की हत्या की साजिश रची थी. उसने यह साजिश नवंबर 1990 में रची गई थी, जिसे छह महीने बाद 21 मई 1991 को अंजाम दिया गया.
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इस हत्याकांड की दोषी नलिनी श्रीहरन ने पिछले साल अपने एक सह-कैदी के साथ कथित तौर पर अपनी जान देने की धमकी दी थी. रिपोर्ट में कहा गया था कि नलिनी और एक अन्य दोषी को वेल्लोर में महिलाओं के स्पेशल सेल में रखा गया है. आजीवन कारावास की सजा काट रहे एक दोषी ने जेलर से इस बारे में शिकायत की.