Loading election data...

पूर्व वित्त सचिव राजीव कुमार भारत के नये मुख्य निर्वाचन आयुक्त नियुक्त, सुशील चंद्रा की लेंगे जगह

राजीव कुमार 1984 बैच के झारखंड कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी हैं और वे 1 सितंबर 2020 को निर्वाचन आयुक्त के तौर पर चुनाव आयोग में शामिल किए गए थे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 12, 2022 2:16 PM

नई दिल्ली : नीति आयोग के पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) को भारत का मुख्य निर्वाचन आयुक्त नियुक्त किया गया है. निर्वाचन आयुक्त के तौर पर उनकी नियुक्ति 15 मई रविवार से प्रभावी हो जाएगी. उनकी नियुक्त पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा हस्ताक्षर किए जाने के बाद सरकार की ओर से अधिसूचना भी जारी कर दी गई है. वे निवर्तमान निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा की जगह लेंगे. सुशील चंद्रा का कार्यकाल 15 मई को पूरा हो रहा है. बताते चलें कि इससे पहले राजीव कुमार वित्त सचिव के पद पर आसीन थे. उन्होंने सरकार में कई अहम जिम्मेदारियों को निभाया है.

कई सरकारी विभागों और मंत्रालयों में निभाई अहम जिम्मेदारियां

राजीव कुमार 1984 बैच के झारखंड कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी हैं और वे 1 सितंबर 2020 को निर्वाचन आयुक्त के तौर पर चुनाव आयोग में शामिल किए गए थे. उन्होंने सार्वजनिक नीति और स्थिरता में पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्री हासिल करने के साथ ही बीएससी और कानून की पढ़ाई भी की है. भारतीय प्रशासनिक सेवा में अपने 34 साल के कैरियर के दौरान राजीव कुमार कई महत्वपूर्ण विभागों और मंत्रालयों में अपनी सेवाएं दी हैं. वे कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय में विशेष सचिव और संस्थापन अधिकारी के तौर पर काम कर चुके हैं. उन्होंने अपने गृह राज्य झारखंड में प्रशासनिक पोस्टिंग समेत कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है. उनकी पोस्टिंग 19 मार्च 2012 से लेकर 12 मार्च 2015 तक वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग में पहले संयुक्त सचिव और बाद में अपर सचिव के रूप में की गई थी.

बैड लोन की रिकवरी पर दिया जोर

माना जाता है कि झारखंड कैडर के आईएएस अधिकारी राजीव कुमार प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) के भरोसेमंद अधिकारियों में से एक हैं. करीब ढाई साल तक वित्त सचिव के तौर पर काम करते हुए राजीव कुमार ने देश के बैंकिंग सिस्टम में सुधार लाने की दिशा में कई कदम उठाए. उन्होंने सरकारी बैंकों की बैलेंस शीट्स के बेहतर ढंग से प्रबंधन के साथ ही बैड लोन्स की रिकवरी पर भी जोर दिया, जिससे सरकारी बैंकों के बढ़ते एनपीओ को कम किया जा सके और उन्हें लाभ हो.

Also Read: मुख्य निर्वाचन आयुक्त की दो टूक,- बैलेट पेपर से मतदान कराने का सवाल ही नहीं, बंगाल में अभी एनआरसी नहीं

सरकारी बैंकों के विलय की बनाई योजना

इसके साथ ही, वित्त सचिव के तौर पर काम करते हुए ही राजीव कुमार ने ही वर्ष 2018 में विजया बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और देना बैंक के विलय की योजना बनाई थी. उनकी इस योजना के बाद सरकार ने करीब 10 सरकारी बैंकों का आपस में विलय कर चार बड़े बैंक बना दिए. अभी फिलहाल वे 1 सितंबर 2020 से निर्वाचन आयोग में अपनी सेवाएं देते हुए चुनावी प्रक्रिया में सुधार पर जोर दे रहे हैं.

Next Article

Exit mobile version