मॉस्को दौरे पर रक्षामंत्री राजनाथ, तिलमिलाए चीनी मीडिया ने कहा- भारत को हथियार न दे रूस

Rajnath singh in russia, india china border dispute: लद्दाख में एलएसी पर तनाव के बाद दूसरे देशों का भारत को समर्थन मिलता देख चीन तिलमिला गया है. दोनों देशों के तनाव के बीच रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के मॉस्को दौर से चीन और परेशान हो गया है. ऐसे वक्त में चीन अपनी सरकारी मीडिया और सोशल मीडिया के जरिए भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करना शुरू कर दिया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 24, 2020 8:07 AM
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लद्दाख में एलएसी पर तनाव के बाद दूसरे देशों का भारत को समर्थन मिलता देख चीन तिलमिला गया है. दोनों देशों के तनाव के बीच रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के मॉस्को दौर से चीन और परेशान हो गया है. ऐसे वक्त में चीन अपनी सरकारी मीडिया और सोशल मीडिया के जरिए भारत के खिलाफ दुष्प्रचार करना शुरू कर दिया है. चीनी मुखपत्र पीपुल्स डेली ने रूस को यहां तक नसीहत दे डाली है कि वह भारत को ‘संवेदनशील’ वक्त में हथियार न बेचे.

गौरतलब है कि रूस में विक्ट्री डे के जश्न पर भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मॉस्को पहुंचे हैं और इस दौरान रक्षा सौदों को लेकर चर्चा की गई है. इंडिया टुडे की खबर के मुताबिक, चीन के अखबार पीपुल्स डेली ने फेसबुक पर ‘सोसायटी फॉर ओरियंटल स्टडीज ऑफ रूस’ नाम के ग्रुप में लिखा है- विशेषज्ञ कहते हैं कि अगर रूस को चीनी और भारतीयों के दिल पिघलाने हैं, तो भारत को ऐसे संवेदनशील वक्त में हथियार नहीं देने चाहिए. दोनों एशियाई ताकतें रूस की करीबी सहयोगी हैं.

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आगे लिखा है- लद्दाख में चीन के साथ जारी तनाव के बीच भारत जल्द से जल्द 30 फाइटर जेट खरीदना चाहता है, जिनमें मिग-19 और 12 सुखोई 30 एमके शामिल हैं. यह सब ऐसे समय में हो रहा है जब भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर हिंसक झड़प के बाद हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं. पिछले हफ्ते लद्दाख में हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे.

चीनी समकक्ष से नहीं मिलेंगे रक्षा मंत्री राजनाथ

मॉस्को में सैन्य परेड के इतर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके चीनी समकक्ष वेई फेंगे के बीच द्विपक्षीय बैठक नहीं होगी. एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को इस बारे में बताया.चीन के रक्षा मंत्री वेई फेंगे के भी परेड में हिस्सा लेने की संभावना है. चीनी मीडिया की एक खबर में कहा गया है कि वेई और सिंह मॉस्को में समारोह में हिस्सा ले रहे हैं और पूर्वी लद्दाख में सीमा पर तनाव को लेकर दोनों के बीच मुलाकात की संभावना है. चीनी मीडिया की खबर के बारे में पूछे जाने पर रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने साफ किया कि हमारे रक्षा मंत्री चीनी रक्षा मंत्री के साथ बैठक नहीं करेंगे.

रक्षा मंत्री ने रूस दौरे को बताया स्पेशल

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को कहा कि भारत-रूस संबंध एक ‘विशिष्ट एवं विशेष सामरिक भागीदारी’ है और दोनों देशों के बीच मौजूदा सैन्य अनुबंध बरकरार रहेंगे और कई मामलों को दोनों देश कम समय में आगे लेकर बढ़ेंगे. उन्होंने कहा कि मॉस्को की यह यात्रा कोविड-19 महामारी के बाद किसी भारतीय आधिकारिक प्रतिनिधिमंडल की पहली विदेश यात्रा है. रक्षा मंत्री ने यहां पत्रकारों को संबोधित करते हुए, ‘भारत-रूस संबंध एक विशिष्ट और विशेषाधिकार प्राप्त सामरिक भागीदारी है. हमारे रक्षा संबंध इसके महत्वपूर्ण स्तंभों में से एक हैं.

रक्षा मंत्री ने रूस के उप प्रधानमंत्री यूरी बोरिसोव के साथ द्विपक्षीय रक्षा संबंधों पर चर्चा की, जो कोरोना की पाबंदियों के बावजूद उनसे होटल में मिलने आए थे. रक्षा मंत्री ने कहा, दोनों के बीच हुई चर्चा बेहद सकारात्मक रही. मुझे आश्वासन दिया गया है कि दोनों देशों के बीच चल रहे अनुबंधों को कायम रखा जाएगा और न केवल कायम रखा जाएगा बल्कि कई मामलों पर कम समय में आगे भी बढ़ा जाएगा. हमारे सभी प्रस्तावों पर रूस की ओर से सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है. मैं चर्चा को लेकर पूरी तरह संतुष्ट हूं.’

Posted By: Utpal kant

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