राजनाथ ने ड्रैगन को दिया करारा जवाब : बोले- ‘भारत को उकसाया, तो मिलेगा मुंहतोड़ जवाब, याद तो होगा ही 15 जून 2020 का वो दिन?’

मैंने अपने जवानों का जो बुलंद हौसला देखा है. मैं पूरी तरह से आश्वस्त होकर यहां से कल दिल्ली जा रहा हूं. एक साल पहले आपने जो करिश्माई काम किया है, सारा देश आप लोगों की तारीफ कर रहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 28, 2021 10:18 PM

लेह-लद्दाख : भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प की बरसी पर चीन को करारा जवाब दिया है. उन्होंने कहा कि भारत कभी भी आक्रमण नहीं करता, लेकिन किसी के उकसाने या धमकाने पर मुंहतोड़ जवाब देता है. उन्होंने कहा कि भारत एक शांतिप्रिय देश है, जिसने कभी कोई आक्रमण नहीं किया, किंतु उकसाए या धमकाए जाने पर वह दुश्मनों का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए हमेशा तैयार रहता है.

उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी के बयान को दोहराते हुए कहा, ‘दोस्त और पड़ोसी कभी बदले नहीं जा सकते.’ उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर उनके पहले के जितने भी प्रधानमंत्री हुए, सभी ने अपने पड़ोसियों के साथ संबंध सुधारने का प्रयास किया है. उन्होंने अटल जी के वक्तव्य को उद्धृत करते हुए कहा कि अटल जी ने एक बार कहा था कि दोस्त और पड़ोसी कभी बदले नहीं जा सकते.

उन्होंने कहा कि मैंने अपने जवानों का जो बुलंद हौसला देखा है. मैं पूरी तरह से आश्वस्त होकर यहां से कल दिल्ली जा रहा हूं. एक साल पहले आपने जो करिश्माई काम किया है, सारा देश आप लोगों की तारीफ कर रहा है. इस क्षेत्र की अपनी यात्रा के दूसरे दिन एक अग्रिम स्थान पर सैनिकों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि भारत पड़ोसी देशों के साथ संवाद के जरिए मुद्दों का समाधान करना चाहता है, लेकिन देश की सुरक्षा के साथ किसी भी कीमत पर समझौता नहीं किया जाएगा.

उन्होंने पिछले साल 15 जून को गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ भीषण झड़प में शहीद हुए 20 भारतीय सैनिकों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि देश उनके बलिदान को कभी नहीं भूलेगा. बता दें कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की तीन दिवसीय यात्रा ऐसे समय हो रही है, जब पूर्वी लद्दाख में कई स्थानों पर भारतीय एवं चीनी सैनिकों के बीच साल भर से टकराव के समाधान में गतिरोध बना हुआ है. हालांकि, इस साल की फरवरी में पैंगोंग झील इलाके से उन्होंने अपने सैनिक एवं हथियार पीछे हटा लिये थे.

Also Read: गलवान घाटी में शहीद जवानों की पहली बरसी : भारतीय सुरक्षा बलों ने साल भर के भीतर बढ़ायी LAC पर अपनी ताकत

Posted by : Vishwat Sen

Next Article

Exit mobile version