Rajya Sabha Elections 2020 : कोरोनावायरस के कहर के बीच देश में राज्यसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी थोड़ी तेज हो गयी है. राज्यसभा की 24 सीटों के लिए 19 जून को मतदान होना है. मंगलवार को कांग्रेस के एचडी देवगोड़ा सहित कई अन्य लोगों ने अपना नामांकन किया. माना जा रहा है कि इस चुनाव के बाद उच्च सदन में भाजपा की ताकत और बढ सकती है. कई राज्यों में होने जा रहे इस चुनाव में भाजपा को कम से कम नौ सीटें मिल सकती हैं.
इन सीटों के मिल जाने पर राज्यसभा में एनडीए(नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस ) की सीटें 100 हो जाएंगी. सीटों का यह आंकड़ा बढ़ जाने पर पार्टी को राज्यसभा में अपने महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने में आसानी होगी. पार्टी को कोई विधेयक पारित कराने के लिए उसे केवल 22 सासंदों के वोटों की जरूरत पड़ेगी. अभी राज्यसभा में भाजपा के सदस्यों की संख्या 75 है. राज्यसभा में कुल 242 सीटें हैं. मॉनसून सत्र में सरकार के लिए चिंता की बात नहीं है क्योंकि चार नामित सदस्यों के अलावा एआईडीएमके, वाइएसआरसीपी, डीएमके और टीआरएस जैसी पार्टियां उसका साथ दे सकती हैं.
राज्यसभा की इन सीटों पर मार्च में चुनाव होना था लेकिन कोविड-19 की संकट की वजह से 18 सीटों पर चुनाव टल गया जबकि छह अन्य सीटें अगले 40 दिनों में रिक्त हो जाएंगी. चुनाव आयोग द्वारा जारी शेड्यूल के अनुसार, राज्यसभा की 18 सीटों के लिए 19 जून को सुबह 9 बजे से मतदान शुरू होगा. मतदान शाम 4.00 बजे संपन्न होगा. मतों की गिनती शाम 5 बजे शुरू होगी और परिणाम उसी दिन घोषित होने की उम्मीद है.
मौजूदा समय में राज्यसभा में 224 सांसद हैं. वर्तमान में 21 सांसदों की जगह खाली है, 27 जून तक कुल 27 सीटें खाली हो जाएंगी. 19 जून को 24 सीटों पर चुनाव होना है, बाकी तीन बाद में भरी जाएंगी. अभी सदन में भाजपा वाली एनडीए के पास कुल 91 सांसद हैं. गैर-एनडीए और गैर यूपीए सांसदों की संख्या 68 है. कांग्रेस वाली यूपीए के पास कुल 61 सांसद हैं जिनमें से कांग्रेस के 39 सदस्य हैं. माना जा रहा है कि 19 जून के चुनाव के बाद बीजेपी के नौ सांसद और बढ़ जाएंगे जबकि कांग्रेस के 2 घट जाएंगे. यानी भाजपा के सांसद 75 से बढ़कर 84 हो जाएंगे और कांग्रेस 37 सांसदों पर आ जाएगी. गठबंधन के आंकड़े भी इसी तरह बदलेंगे.
अगर देखा जाए तो राज्यसभा में बहुमत न होने के बावजूद मोदी सरकार हाल के वर्षों में कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित कराने में सफल हुई है. तीन तलाक और अनुच्छेद 370 में संशोधन करने जैसे विधेयक भी इनमें शामिल हैं. इन दोनों विधेयकों को पारित कराने में में भाजपा का फ्लोर मैनेंजमेंट काफी सफल रहा. विपक्ष के विरोध के बावजूद भाजपा यूपीए से इतर दलों को साधने में कामयाब रही.