Rajya Sabha Elections: सियासी सरगर्मी तेज, कांग्रेस की रिजॉर्ट राजनीति, निर्दलीय विधायकों को साधने में जुटी भाजपा!

Rajya Sabha Elections 2020 : कोरोनावायरस के कहर के बीच देश में आगामी चुनावों को लेकर सियासी सरगर्मी थोड़ी तेज हो गयी है. इस माह 19 जून को राज्यसभा की 24 सीटों के लिए मतदान होना है तो साल के अंत तक बिहार में विधानसभा चुनाव. फिलहाल राज्यसभा चुनाव को लेकर दिल्ली से लेकर राजस्थान और गुजरात में सियासी हलचल तेज है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 9, 2020 11:31 AM

Rajya Sabha Elections 2020 : कोरोनावायरस के कहर के बीच देश में आगामी चुनावों को लेकर सियासी सरगर्मी थोड़ी तेज हो गयी है. इस माह 19 जून को राज्यसभा की 24 सीटों के लिए मतदान होना है तो साल के अंत तक बिहार में विधानसभा चुनाव. फिलहाल राज्यसभा चुनाव को लेकर दिल्ली से लेकर राजस्थान और गुजरात में सियासी हलचल तेज है.

एक ओर गुजरात में कांग्रेस के सात विधायकों के इस्तीफे के बाद बाकी बचे विधायकों की बाड़ाबंदी हो रही है, वहीं दूसरी ओर प्रदेश में कांग्रेस व इसके समर्थित निर्दलीय 10 से 12 विधायकों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से शिकायत की है कि दिल्ली से भाजपा के बड़े नेता उन्हें फोन कर रहे हैं. भाजपा में शामिल होने के लिए उन्हें सभी तरह के प्रलोभन दिए जा रहे हैं. हाल में एक वरिष्ठ भाजपा नेता का एक ऑडियो भी वायरल हुआ था.

Also Read: Amit shah LIVE : ममता के गढ़ में अमित शाह का हल्ला बोल, 2021 के लिए पहली बंगाल रैली

हालांकि, अब तक राजस्थान में किसी कांग्रेस समर्थित निर्दलीय विधायक ने खुलकर भाजपा में जाने के संकेत नहीं दिए हैं. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हाल ही में एक इंटरव्यू में भी राजस्थान में बीजेपी की तोड़फोड़ की कोशिश के बारे में बयान दे चुके हैं. पिछले दिनों ट्वीट करते हुए कांग्रेस ने कहा था कि गुजरात में बीजेपी सरकार कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने में सफल नहीं हो सकी है, लेकिन विधायकों के खरीद फरोख्त पर उसका पूर्ण नियंत्रण है. क्या कोई भी सरकार या कोई भी पार्टी इस स्तर पर पहुंच सकती है.

राजस्थान में तीन सीटों के लिए चुनाव

उल्लेखनीय है कि राजस्थान में राज्यसभा की तीन सीटों के लिए चुनाव होना है. राजस्थान का सियासी गणित देखें तो कांग्रेस को कोई खतरा नहीं है. लेकिन भाजपा की नजर राजस्थान में गहलोत विरोधी उस गुट पर है जो लगातार सरकार के खिलाफ मुखर होता रहता है. भाजपा इसे ही साधने में जुटी है. विधानसभा में मौजूदा दलगत स्थिति के अनुसार दो सीटों पर कांग्रेस की जीत तय मानी जा रही है. वहीं, एक सीट बीजेपी के खाते में जाना लगभग तय है. लेकिन, बीजेपी ने इस चुनाव में अपने दो उम्मीदवार उतारकर कांग्रेस को चिंता में डाल दिया है. कांग्रेस को चिंता है कि भाजपा उसके समर्थन वाले निर्दलीय विधायकों समेत पार्टी के विधायकों पर भी डोरे डाल सकती है.

क्या है गुजरात में राज्यसभा का गणित?

19 जून को राज्यसभा में गुजरात की 4 सीटों के लिए चुनाव होने हैं. गुजरात में राज्यसभा की चार सीटों के लिए भाजपा और कांग्रेस के बीच लड़ाई है. खबर है कि कांग्रेस पार्टी ने अपने 19 विधायकों को राजस्थान में एक रिजॉर्ट में बंद कर दिया है.पार्टी को यह कदम 3 विधायकों के इस्तीफे के बाद उठाना पड़ा. अबतक कांग्रेस के 7 विधायक इस्तीफा दे चुके हैं. राज्यसभा के गणित को समझें तो गुजरात विधानसभा में बीजेपी के पास 103 विधायक हैं, जबकि एनसीपी से एक और बीटीपी के 2 विधायकों का भी उसे समर्थन है.

कुल मिलाकर 106 विधायक बीजेपी के पास है. अभी तक कांग्रेस के पास 73 विधायक थे, जबकि निर्दलीय उम्मीदवार जिग्नेश मेवानी का भी साथ था. लेकिन नए समीकरण में 8 कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है. इसके बाद कांग्रेस के पास 65 विधायक ही रह गए हैं. जिग्नेश मेवानी को लेकर 66 विधायकों की संख्या है. संसद के ऊपरी सदन की जिन 4 सीटों के लिए चुनाव होने वाले हैं, उनमें से अभी तीन भाजपा के पास हैं और एक कांग्रेस के पास.

राज्यसभा में ताकतवर होगा एनडीए

राज्यसभा की 24 सीटों के लिए 19 जून को होने वाले चुनाव में भाजपा की उच्च सदन में ताकत और बढ़ सकती है. कई राज्यों में होने जा रहे इस चुनाव में भाजपा को कम से कम नौ सीटें मिल सकती हैं. अगर ऐसा होता है तो राज्यसभा में एनडीए की सीटें 100 हो जाएंगी. सीटों का यह आंकड़ा बढ़ जाने पर पार्टी को राज्यसभा में अपने महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने में आसानी होगी. पार्टी को कोई विधेयक पारित कराने के लिए उसे केवल 22 सासंदों के वोटों की जरूरत पड़ेगी।.अभी राज्यसभा में भाजपा के सदस्यों की संख्या 75 है. राज्यसभा में कुल 242 सीटें हैं. माना जा रहा है कि मानसून सत्र में विधेयक पारित कराने में एनडीए को दिक्कत नहीं होने वाली है क्योंकि चार नामित सदस्य और एआईएडीएमके, बीजेडी, वाईएसआरसीपी और टीआरएस सरकार के साथ खड़ी हो सकती हैं.

Posted By: Utpal kant

Next Article

Exit mobile version